PCOS Diet : पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) हार्मोन की एक समस्या है, जिससे आज के सम. में महिलाएं सबसे अधिक शिकार हो रही है। एक आकंड़ा के अनुसार, हर 5 में से लगभग 1 या 20 % भारतीय महिला इस समस्या पीड़ित है। माना जाता है कि यह बीमारी खराब लाइफस्टाइल, खानपान या फिर जेनेटिक कारणों से हो सकती है।लेकिन सटीक जानकारी अभी तक नहीं है। वैज्ञानिक अभी भी इसका पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं। पीसीओएस कई लक्षणों से जुड़ा है जैसे अनियमित मासिक धर्म चक्र, यह एंड्रोजन (पुरुष हार्मोन) के ऊंचे स्तर और इंसुलिन का ठीक ढंग से न बनना भी हो सकता है।

क्या है पीसीओएस?

पीसीओएस (PCOS) एक ऐसी स्थिति है जो लड़कियों और महिलाओं को उनके मासिक धर्म के साथ समस्याएं पैदा कर सकता। इस बीमारी के शरीर के कुछ अंगों में अधिक बाल उगने लगते है । इसके अलावा बढ़ता हुआ वजन, बच्चा पैदा करने में कठिनाइयां आ सकती है। इतना ही नहीं पीसीओएस के कारण बांझपन, गर्भपात और अन्य जटिल समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन इन समस्याओं को निजात पाने के लिए अपनी लाइफस्टाइल के साथ-साथ खानपान में थोड़ा सा बदलाव कर सकते हैं। जानिए अवनी (Avni) की को-फाउंडर और सीईओ मिस सुजाता पवार से कि पीसीओएस के समय किस डाइट का करें पालन।

पीसीओएस से ग्रसित महिलाएं इस हेल्दी डाइट को करें शामिल

फल-सब्जियों को करें शामिल

हेल्दी शरीर के लिए अपनी डाइट में अलग-अलग फल, सब्जियां, साबुत अनाज, चिकन या मछली जैसे लीन प्रोटीन और एवोकाडो या नट्स जैसे हेल्दी वसा को शामिल कर सकते हैं। दरअसल, फल और सब्जियां में अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, तो शरीर को हेल्दी रखने के साथ हार्मोन को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें अधिक मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो आपके पेट को लंबे समय तक भरा रखने में मदद करता है। इसके साथ ही हाई ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।

डाइट में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले भोजन करें शामिल

अपनी डाइट में ऐसे फूड्स शामिल करें। जिसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स हो। क्योंकि इन फूड्स का सेवन करने से शरीर में इंसुलिन की मात्रा स्थिर रहती है। कम जीआई वाले खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे अवशोषित होते हैं और आपकी रक्त शर्करा को स्थिर रखने में मदद करते हैं। ऐसे में अपनी डाइट में साबुत अनाज, बीन्स, फल और सब्जियां शामिल कर सकते हैं।

मैक्रोन्यूट्रिएंट बैलेंस हासिल करें

पोषण के दृष्टिकोण से, इष्टतम स्वास्थ्य और कल्याण को बनाए रखने के लिए मैक्रोन्यूट्रिएंट्स का संतुलित सेवन बनाए रखना आवश्यक है। इसके लिए प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और वसा के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण की आवश्यकता होती है, जिसमें प्रत्येक मैक्रोन्यूट्रिएंट शरीर में एक अलग भूमिका निभाता है। उदाहरण के लिए, प्रोटीन, हार्मोन और एंजाइम को विनियमित करने के अलावा, कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों के निर्माण खंड के रूप में कार्य करते हैं। इसके अलावा, पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने, क्रेविंग को कम करने और परिपूर्णता की भावना को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए दिखाया गया है।

प्रोटीन वाली चीजें करें शामिल

अपने आहार में पर्याप्त प्रोटीन शामिल करने के लिए, हर भोजन और नाश्ते में प्रोटीन युक्त स्रोत शामिल करने का लक्ष्य रखें। इसमें लीन मीट, मछली, अंडे, डेयरी उत्पाद को शामिल कर सकते हैं।

फलियां और नट्स

फलियां और नट्स जैसे विकल्प शामिल हो सकते हैं। इससे पीसीओएस को कंट्रोल करने में काफी मदद मिलेगी।

सफेद चीजों के बजाय करें इन चीजों का सेवन

बहुत अधिक चीनी और सफेद ब्रेड, पास्ता और चावल जैसे खाद्य पदार्थ खाना अच्छा नहीं है जो बहुत स्वस्थ नहीं हैं। ये खाद्य पदार्थ PCOD के लक्षणों को बदतर बना सकते हैं। ब्राउन राइस, साबुत अनाज की ब्रेड और क्विनोआ जैसे स्वस्थ विकल्प खाने से आपके शरीर को बेहतर काम करने में मदद मिल सकती है।

चीनी के बदले इन चीजों का सेवन

आप चीनी के बजाय प्राकृतिक मिठास जैसे शहद, मेपल सिरप या स्टीविया का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन बहुत अधिक उपयोग न करें।
खाना न करें स्किप
भोजन स्किप करने (छोड़ने) से बचें, क्योंकि भोजन छोड़ने से रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है और इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ सकता है।

कुछ-कुछ देर में कुछ न कुछ खाते रहें।

अक्सर दिन में अधिक भूख लगती हैं। ऐसे में हम एक साथ अधिक मात्रा में कुछ न कुछ खा लेते है। एक्सपर्ट सुजाता के अनुसार, सबसे बड़ी यही गलती करते हैं, क्योंकि इस तरह खाना खाने से शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा अचानक से स्पाइक करती है। इसलिए एक साथ अधिक खाने के बजाय दिन में कई बार थोड़ा-थोड़ा खाएं।

नैचुरल डाइट है जरूरी

अगर आपको पीसीओएस है तो अपनी डाइट में नेचुरल फुूड्स अधिक मात्रा में शामिल करें। इसके साथ ही प्रोसेस्ड खाना भी वास्तव में आपके लिए अच्छा हो सकता है। इसके साथ ही चीनी और कार्ब्स का सेवन अधिक न करें।