Fatty Liver Remedy: आज के समय स्वस्थ जीवन जीना किसी चुनौती से कम नहीं है। बीमारियों से बचे रहना जंग जीतने के बराबर ही माना जाता है। लापरवाह जीवन शैली, फिजिकल इनैक्टिविटी, जंक फूड, अधिक शराब के सेवन और खान-पान की गलत आदतों के कारण कई बीमारियों की चपेट में आने का खतरा ज्यादा होता है। बताया जाता है कि जब लिवर में उसके भार से 10 फीसदी ज्यादा फैट जमा हो जाता है तो उस स्थिति को फैटी लिवर कहते हैं। इस बीमारी में लिवर के आकार में बदलाव आता है, या तो सूजन हो जाती है अथवा लिवर सिकुड़ जाता है।
खाना पचाने में और शरीर को विषाक्त पदार्थ से मुक्त करने में लिवर की भूमिका अहम होती है। वहीं, फैटी लिवर के कारण लिवर की क्षमता प्रभावित होती है जिससे भोजन को डाइजेस्ट करना आसान नहीं होता है। ऐसे में लिवर को हेल्दी रखने के लिए कुछ फूड्स का सेवन जरूरी है। आइए जानते हैं –
दलिया: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फैटी लिवर के प्रमुख कारणों में मोटापा भी एक है। ऐसे में मरीजों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनका वजन संतुलित रहे। दलिया खाने से वजन पर काबू रखना बहुत जरूरी है। इसमें बीटा-ग्लूकोन और फाइबर प्रचुर मात्रा में मौजूद होता है जो मोटापा कम करने में सहायक होता है। साथ ही, इसे खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
प्याज: फैटी लिवर की परेशानी को कम करने में प्याज का सेवन भी फायदेमंद होता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि प्याज के रस में मौजूद तत्व लिवर की सूजन को कम करते हैं। साथ ही, संक्रमण का खतरा कम करने में भी सहायक होते हैं। इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को दिन में कम से कम 2 बार प्याज का सेवन करना चाहिए।
किशमिश: किशमिश में डिटॉक्सिफाइंग एलिमेंट पाए जाते हैं जो बॉडी में मौजूद टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इस ड्राय फ्रूट में प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट होता है जो लिवर को इंफेक्शन से दूर रखता है। इसके सेवन से लिवर की कार्य क्षमता भी बेहतर होती है। फैटी लिवर के मरीज इस तरह करें किशमिश का सेवन
ग्रीन टी: एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर ग्रीन टी लिवर से फैट की मात्रा को कम करने में मदद करता है। साथ ही, शरीर के इस महत्वपूर्ण अंग की कार्य प्रणाली को बेहतर करने में ये सहायक होता है। सूजन और दर्द कम करने में भी ग्रीन टी का सेवन जरूरी है। लिवर के हेल्दी माने गए हैं ये होम मेड ड्रिंक्स, जानिये
कॉफी: डॉक्टर्स फैटी लिवर के मरीजों को कॉफी पीने की सलाह देते हैं क्योंकि इसमें मौजूद तत्व लिवर में जल्दी फैट नहीं जमा होने देते हैं। इतना ही नहीं, क्रॉनिक लिवर डिजीज और लिवर कैंसर का जोखिम कम करने में भी कॉफी का सेवन लाभकारी होता है।