पेरिस ओलंपिक्स 2024 (Paris Olympics 2024) में भारतीय रेसलर अमन सेहरावत (Aman Sehrawat) ने 57 किलो भारवर्ग के मुकाबले में डारियन क्रूज़ को 13-5 से मात दी और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया। हालांकि, ये जीत इतनी आसान नहीं थी। विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) की तरह ही अमन के सिर पर भी डिस्क्वालिफाई होने का खतरा था। हालांकि, उन्होंने रातभर में इस खतरे को मात देकर देश की मेडल की संख्या को छह तक पहुंचा दिया।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, सेमीफाइनल मुकाबले के बाद अमन का वजन बढ़कर करीब 61.5 किलो हो गया था। यानी फाइनल में खेलने के लिए उनका वजन 4.6 किलो ज्यादा था। ऐसे में विनेश फोगाट की तरह ही उन्हें भी डिस्क्वालिफाई किया जा सकता था। हालांकि, अमन में अपनी कड़ी मेहनत और कुछ खास ट्रिक्स अपनाकर महज 10 घंटे के अंदर अपना 4.6 किलो वजन कम किया और मैच जीतकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम कर लिया।
कैसे किया ये कारनामा?
अमन सेहरावत की वेट लॉस टेक्नीक को लेकर बात करते हुए कोच वीरेंद्र दहिया ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू के दौरान बताया, इसके लिए अमन ने खूब पसीना बहाया था। हमारे पास बस 10 घंटे थे और इन 10 घंटों में ही हमे सब करना था।
मैट सेशन
वीरेंद्र दहिया ने बताया, वजन को वापस 57 किलो तक पहुंचाने के लिए सबसे पहले अमन अपने दो सीनियर कोच के मार्गदर्शन में 1.5 घंटे तक कुश्ती करते रहे।
हॉट-बाथ सेशन
पसीना बहाने से जल्दी वजन कम किया जा सकता है। ऐसे में मैट सेशन के बाद अमन ने 1 घंटे तक हॉट-बाथ सेशन सेशन लिया।
अब, जैसे-जैसे घड़ी आधी रात के करीब पहुंची, अमन की लड़ाई और तेज हो गई। हॉट-बाथ सेशन लेने के बाद भी उनका वजन कंट्रोल नहीं हुआ था।
जिम
इसके बाद रात 12:30 बजे अमन को जिम ले जाया गया, जहां उन्होंने और पसीना बहाकर वेट लॉस करने के लिए ट्रेडमिल पर बिना रुके 1 घंटे की दौड़ लगाई।
स्टीम/सॉना बाथ
जिम के बाद अमन ने 30 मिनट का ब्रेक लिया और इसके बाद 5-5 मिनट के 5 स्टीम/सॉना बाथ सेशन लिए। हालांकि, इतना करने के बाद भी उनका वजन 900 ग्राम ज्यादा था।
रनिंग
इस 900 ग्राम को कम करने के लिए अमन एक बार फिर उठे और 15-15 मिनट के पांच रनिंग सेशन पूरे किए।
इस दौरान अमन को गुनगुने पानी में नींबू और शहद डालकर दिया गया, साथ ही उन्होने थोड़ी कॉफी भी पी। वजन को कम करने के लिए अमन पूरी रात एक मिनट के लिए भी नहीं सोए। आखिरकार सुबह 4:30 बजे तक उनका वजन 56.9 किलोग्राम था।
बता दें कि अमन सेहरावत के वजन घटाने और मेडल जीतने के इस पूरे समय में भारतीय कोच वीरेंदर दहिया के साथ-साथ जगमंदर सिंह का भी बहुत योगदान रहा है।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।