खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से कई क्रॉनिक बीमारियां जैसे डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, थायराइड और मोटापा की बीमारी तेजी से फैल रही है। देश और दुनिया में डायबिटीज और मोटापा के मरीजों की तादाद में लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। भारत में डायबिटीज के मामले इतने ज्यादा बढ़ रहे हैं कि इसे डायबिटीज की राजधानी कहा जा रहा है। इन दोनों बीमारियों के लिए चीनी का अधिक सेवन काफी हद तक जिम्मेदार है। चीनी एक ऐसा फूड है जो हर चीज में मौजूद है। हम जिन फ्रूट्स,जूस,स्नैक्स और मिठाई का रोजाना सेवन करते हैं उनसे शुगर की मात्रा ज्यादा होती है जो हमारी बॉडी की आवश्यकता से काफी अधिक है। ज्यादा मीठे का सेवन सेहत पर ज़हर की तरह काम करता है।
क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और डायबिटीज एजुकेटर कनिका मल्होत्रा ने बताया कि ग्लूकोज हमारी कोशिकाओं के लिए प्राथमिक ऊर्जा का स्रोत है जो साधारण चीनी पर निर्भर करता है। यह ग्लूकोज मुख्य रूप से डाइट में कार्बोहाइड्रेट से प्राप्त होता है, लेकिन लिवर इसका निर्माण खुद भी कर सकता है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर हमारी बॉडी को कितनी शुगर की आवश्यकता होती है और हद से ज्यादा शुगर का सेवन करने पर ये शुगर कहां डिपॉजिट होती है। आइए एक्सपर्ट से जानते हैं सारे सवालों के जवाब।
हमारी बॉडी को कितनी शुगर की जरूरत होती है?
हमारी बॉडी को ग्लूकोज के रूप में केवल 5 ग्राम चीनी की आवश्यकता होती है। एक तंदुरुस्त इंसान में इंसुलिन एक चाबी की तरह काम करता है, जो ग्लूकोज के कोशिकाओं में दाखिल करने और ऊर्जा के लिए उपयोग करने के लिए दरवाजा खोलता है। डायबिटीज के मरीज में शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता या कोशिकाएं इसके प्रभावों के प्रति प्रतिरोधी हो जाती हैं जिससे ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है जिसे हाइपरग्लेसेमिया के रूप में जाना जाता है।
बॉडी में अतिरिक्त चीनी कहां जाती है?
मल्होत्रा ने बताया कि जब आप अत्यधिक चीनी का सेवन करते हैं तो बॉडी इसका उपयोग करने पर जोर देती है। लिवर इस ग्लूकोज में से कुछ को ग्लाइकोजन के रूप में इकट्ठा कर सकता है, जो एक आसानी से उपलब्ध होने वाली एनर्जी का स्रोत है। अगर अधिक मात्रा में चीनी का सेवन किया जाए तो अतिरिक्त चीनी बॉडी में फैट में तब्दील हो जाती है और पूरे शरीर में जमा हो जाती है। चीनी का अतिरिक्त सेवन बॉडी में फैट के रूप में डिपॉजिट हो जाता है। बॉडी में ज्यादा फैट हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज और कुछ कैंसर जैसी क्रॉनिक हेल्थ प्रॉब्लम का जोखिम बढ़ा सकता है।
ग्लूकोज के स्तर में सुधार कैसे करें
- बैलेंस डाइट का सेवन करें। डाइट में फल, सब्जियां, कॉम्पलेक्स कार्बोहाइड्रेट जैसे साबुत अनाज और फलियां शामिल करें। लीन प्रोटीन और हेल्दी फैट का सेवन करें। ये फूड निरंतर एनर्जी देते हैं और ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल करने में मदद भी करते हैं।
- वजन को कंट्रोल करें। वजन को कंट्रोल करके आप शुगर के स्तर को नॉर्मल कर सकते हैं। मामूली वजन कम करने से भी आप ब्लड में शुगर के स्तर को कंट्रोल कर सकते हैं।
- नियमित एक्सरसाइज करें। शारीरिक गतिविधियां आपके शरीर को ग्लूकोज का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने में मदद करती है, जिससे ब्लड में शुगर का स्तर नॉर्मल रहता है।
