प्रकृति ने हमे कई ऐसे फलों और सब्जियों से नवाजा है, जो स्वाद में लाजवाब होने के साथ-साथ शरीर के लिए जरूरी कई पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, साथ ही कई गंभीर बीमारियों खासकर जीवनशैली संबंधी समस्याओं को प्रबंधित करने में मदद कर सकती हैं। इन्हीं में से एक है प्लम यानी आलूबुखारा।
वैसे तो आलूबुखारे में मौजूद पोषक तत्व हमें एक साथ कई लाभ पहुंचा सकते हैं। हालांकि, हाल में प्लांट बेस्ड नेचुरल मॉलिक्यूल एक्सपर्ट, डॉ. डैन गुबलर ने अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक पोस्ट शेयर कर खासकर कोलेस्ट्रॉल के मरीजों को रोज एक आलूबुखारा खाने की सलाह दी है। अपनी इस पोस्ट में एनआईएच (National Institutes of Health) के एक अध्ययन का हवाला देते हुए डॉ. डैन ने दावा किया है कि कुल 4 हफ्तों तक रोज केवल एक आलूबुखारा खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल यानी LDL कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। आइए जानते हैं कैसे-
इससे पहले जान लेते हैं कि आखिर कोलेस्ट्रॉल होता क्या है?
कोलेस्ट्रॉल एक मोम जैसा चिपचिपा पदार्थ होता है। ये हमारे लिवर में बनता है और कई हेल्दी सेल्स को बनाने में मददगार होता है। इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल कुछ हार्मोन और विटामिन डी बनाने के लिए भी जरूरी है। हालांकि, शरीर में इसकी ज्यादा मात्रा जानलेवा भी हो सकती है।
दरअसल, कोलेस्ट्रॉल के दो टाइप हैं। एचडीएल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल। एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है और जैसा की नाम से साफ है, ये सेहत के लिए अच्छा होता है। दूसरी ओर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है और इसकी ज्यादा मात्रा सेहत को कई गंभीर नुकसान पहुंचा सकती है। इतना ही नहीं, अधिक मात्रा में होने पर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर या स्ट्रोक जैसी जानलेवा स्थिति का कारण भी बन सकता है।
ज्यादा मात्रा में होने पर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल नसों में प्लाक की तरह जमने लगता है, इससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है और खून का रुकना हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, स्ट्रोक या पैरालाइसिस का कारण बन जाता है। ऐसे में शरीर में एलडीएल की मात्रा को कंट्रोल करना बेहद जरूरी हो जाता है।
कैसे फायदेमंद हैं आलूबुखारा?
अब, बात प्लम के फायदों कि करें, तो इसे लेकर अपनी पोस्ट को कैप्शन देते हुए डॉ. डैन लिखते हैं, ‘आलूबुखारा कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए एक बेहतरीन भोजन है। ऐसा न केवल आलूबुखारे में मौजूद फाइबर के कारण होता है, बल्कि इस छोटे से फल में बड़ी मात्रा में बैड कोलेस्ट्रॉल कम करने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट्स यौगिक भी पाए जाते हैं।’
वहीं, डॉ. डैन की बात से सहमति जताते हुए इंडियन एक्सप्रेस संग हुई एक खास बातचीत के दौरान धर्मशिला नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल की आहार विशेषज्ञ पायल शर्मा ने बताया, आलूबुखारे का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें तमाम तरह के एंटीऑक्सिडेंट्स, फाइबर और विटामिन्स उच्च मात्रा में मौजूद होते हैं।
इससे अलग एक अन्य पोषण विशेषज्ञ, नुपुर पाटिल कहती हैं, ‘आलूबुखारे में घुलनशील फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र में कोलेस्ट्रॉल से जुड़कर, रक्त प्रवाह में इसके अवशोषण को रोकती है और शरीर से बाहर करने में असर दिखाती है। इसके अतिरिक्त, आलूबुखारे में फेनोलिक कंपाउंड (Phenolic Compounds) जैसे एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल में कमी सहित हृदय स्वास्थ्य लाभ से जुड़े होते हैं।’
नुपुर पाटिल बताती हैं कि चार हफ्ते तक रोज एक आलूबुखारा खाने से यकीनन खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। ऐसे में इस स्वादिष्ट फल को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं, इससे आपका हार्ट भी हेल्दी रहेगा।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।