आज के समय में अनहेल्दी खानपान और खराब लाइफस्टाइल के चलते अधिकतर लोग तेजी से वजन बढ़ने की समस्या का सामना कर रहे हैं। ऐसे में मोटापा ना केवल शर्मिंदगी का कारण बनता है, ब्लकि ये अपने साथ तमाम तरह की बीमारियां भी लेकर आता है। इन्हीं में से एक है हाइपर एसिडिटी (Hyperacidity) जिसे आम भाषा में पित्त बनना भी कहते हैं। जी हां, हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो अधिक वजन हाइपर एसिडिटी के प्रमुख कारणों में से एक है। हाइपर एसिडिटी के चलते व्यक्ति को हर समय पेट में जलन, खट्टी डकारें आना, मुंह में पानी भर आना, पेट में तेज दर्द, गैस की शिकायत, जी मिचलाना आदि जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं, आपका वजन इन लक्षणों को बद्दतर बना सकता है। आइए समझते इसे विस्तार से-

हेल्थ लाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अतिरिक्त वजन और हाइपर एसिडिटी के बीच एक मजबूत संबंध है। संयुक्त राज्य अमेरिका में कम से कम 15 मिलियन लोग हर रोज इस परेशानी का सामना करते हैं। इसके अलावा भारत में भी बड़ी संख्या में हर उम्र के लोगों में सीने में जलन, खट्टी डकारें आना और गैस की समस्या देखने को मिल जाती है। मेडिकल भाषा में इस तरह की समस्या को गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) कहा जाता है। अधिक वजन जीईआरडी के सबसे आम कारणों में से एक है। ये पेट के दबाव को बढ़ाता है, जिससे पेट में एसिड का रिसाव या बैकफ्लो की संभावना अधिक हो जाती है। ऐसे में एसिड पेट से निकलकर उल्टी दिशा में उपर की ओर उठने लगता है जिस कारण पीड़ित को पेट से लेकर गले तक में जलन महसूस होती है।

कितना खतरनाक है ऐसा होना?

हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो जीईआरडी का इलाज बहुत दिनों तक नहीं करने पर ये एसिड फेफड़ों में भी पहुंच सकता है, जिससे समस्या अधिक बढ़ सकती है। गंभीर मामलों में ये अस्थमा का कारण भी बन सकता है, साथ ही इसका सीधा असर पीड़ित की आंतों पर भी पड़ता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो आमतौर पर हाइपर एसिडिटी की समस्या एक-दो दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन अगर ये चार सप्ताह से ज्यादा से परेशान कर रही है, तो चिंता करने की बात है। इस स्थिति में पीड़ित आंत में इंफेक्शन सहित कई बीमारियों से घिर सकता है। इसमें फूड पाइप में जख्म, एसोफेगस में सूजन, पैंक्रियाज में दिक्कत होना शामिल है। इसके अलावा कुछ मामलों में यह कैंसर का कारण भी बन सकता है। ऐसे में अगर चार सप्ताह से ज्यादा से एसिडिटी की समस्या परेशान कर रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

क्या है बचाव का तरीका?

  • मोटापे से संबंधित हाइपर एसिडिटी से छुटकारा पाने के लिए आप अपनी लाइफस्टाइल में कुछ छोटे-छोटे बदलाव कर सकते हैं। जैसे-
  • अधिक मसालेदार भोजन से परहेज करें।
  • दिन में 3 हेवी मील लेने से अलग कोशिश करें कि 5 से 6 बार छोटे-छोटे मील लें।
  • डाइट में फाइबर रिच फूड जैसे कुछ खास फल, सब्जियों, साबुत अनाज, फलियों आदि को शामिल करें।
  • इन सब के अलावा गैस्ट्रिक कार्यप्रणाली में सुधार और पेट के दबाव को कम करने के लिए नियमित एक्सरसाइज करना बिल्कुल ना भूलें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।