केरल के मलप्पुरम जिले के 14 साल के बच्चे की निपाह वायरस की चपेट में आने से मौत हो गई। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक सुबह 10:50 बजे लड़के को दिल का दौरा पड़ा। डॉक्टरों ने उसे होश में लाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसकी 11:30 बजे तक मौत हो गई। सूत्रों के मुताबिक बच्चे को 10 दिन पहले बुखार आया था और शुक्रवार से वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर था। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि निपाह वायरस के संक्रमण से बचाव करना जरूरी है।

निपाह वायरस है क्या?

निपाह वायरस पशुओं से इंसानों में फैलने वाला वायरस है जो एक इंसान से दूसरे इंसान में तेजी से फैलता है। ये एक ZOONOTIC VIRUS है जो फ्रूट बैट यानी फ्रूट चमगादड़ भी कहा जाता है। इस वायरस का नाम मलेशिया के एक गांव के नाम पर रखा गया है जहां पर ये वायरस सबसे पहले पाया गया था।

कैसे फैलता है निपाह वायरस

निपाह वायरस से संक्रमित होने वाले फ्रूट बैट इन वायरस का संक्रमण दूसरे पशुओं और इंसानों में फैला देते हैं। इस संक्रमण के फैलने का खतरा संक्रमित पशु के संपर्क में आने से, उसके फ्लूड के संपर्क में आने से ज्यादा रहता है।

निपाह वायरस के लक्षण दिखने में कितना समय लगता है

निपाह से पीड़ित लोग आमतौर पर वायरस से संक्रमित होने के 4-14 दिन बाद बीमार पड़ने लगते हैं।

निपाह वायरस के लक्षण

निपाह वायरस के लक्षणों की बात करें तो इस वायरस की चपेट में आने से सांस से संबंधित परेशानी, दिमाग में सूजन होना, सिर दर्द, खांसी,बुखार और उल्टी आना शामिल है। इस संक्रमण के गंभीर लक्षणों की बात करें तो गफलत में होना, दौरा पड़ना और कोमा में पहुंचने तक की नौबत आ सकती है। WHO के मुताबिक निपाह वायरस के संक्रमण के मामलों में मृत्यु दर 40 से 75 फीसदी तक रहती है जो एक विचारणीय स्थिति है।

निपाह वायरस का इलाज

WHO के मुताबिक निपाह वायरस का इलाज करने के लिए कोई दवा या इंजेक्शन मौजूद नहीं है सिर्फ इस वायरस से बचाव किया जा सकता है। WHO के मुताबिक इसका इलाज करने के लिए कुछ सपोर्टिव केयर दी जा सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक इस वायरस के खतरे से बचाव करने के लिए इस वायरस के प्रति जागरूक होना जरूरी है।

निपाह वायरस से बचाव कैसे करें

  • WHO के मुताबिक निपाह वायरस से बचाव करने के लिए आप फलों और सब्जियों को खाने से पहले उन्हें अच्छे से साफ करें।
  • अपने हाथ नियमित रूप से साबुन और पानी से वॉश करें।
  • उड़ने वाले लोमड़ी चमगादड़ या बीमार सूअरों के संपर्क में आने से बचें।
  • उन क्षेत्रों से बचें जहां चमगादड़ बसेरा करते हैं।
  • ऐसी किसी भी चीज़ को छूने से बचें जो चमगादड़ द्वारा गंदी हो सकती है।
  • कच्चे खजूर का रस या फल खाने से बचें जो चमगादड़ द्वारा गंदे हो सकते हैं।
  • निपाह से पीड़ित किसी व्यक्ति के ब्लड या शरीर के तरल पदार्थ के संपर्क में आने से बचें।