कोलेस्ट्रॉल नई पीढ़ी में तेजी से पनपने वाली एक ऐसी बीमारी है जिसके लिए खराब डाइट और बिगड़ता लाइफस्टाइल जिम्मेदार है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है एक LDL कोलेस्ट्रॉल जिसे खराब कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है जो दिल के लिए खतरा है। दूसरा होता है HDL कोलेस्ट्रॉल जो शरीर में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने का काम करता है। ये कोलेस्ट्रॉल हार्ट अटैक और दिल के रोगों का खतरा कम करता है। खराब कोलेस्ट्रॉल को अगर कंट्रोल नहीं किया जाए तो ये दिल के रोगों का कारण बनता है। इसे कंट्रोल करने के लिए स्टैटिन दवा का इस्तेमाल किया जाता है।
स्टैटिन एक ऐसी दवा है जो लीवर द्वारा उत्पादित कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करके रक्त में कोलेस्ट्रॉल कम करती है? वैज्ञानिकों ने कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए अब एक ऐसी नई दवा का इजाद किया है जो खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को 60 प्रतिशत तक कम करने में मदद कर सकती है।
कई लोगों में स्टैटिन (Statins) लेने के बावजूद खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल (Low-Density Lipoprotein-LDL) का स्तर कम नहीं होता। स्टैटिन दवाएं लिवर में कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को घटाकर शरीर में इसकी मात्रा कंट्रोल करती हैं, लेकिन कुछ मरीजों में इनका असर सीमित रहता है। अब एक नई प्रयोगात्मक गोली (Experimental Pill) ने क्लिनिकल ट्रायल्स में ये दिखा दिया कि जब इस गोली को स्टैटिन के साथ दिया गया तो इससे कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटा।
कैसे बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा
खून में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा धमनियों में प्लाक जमा करती है। यह प्लाक धीरे-धीरे रक्त प्रवाह को बाधित करता है और हार्ट अटैक का कारण बनता है। नई गोली एनलिसिटाइड (Enlicitide) लिवर में मौजूद PCSK9 नामक प्रोटीन को ब्लॉक करती है। जब यह प्रोटीन ब्लॉक हो जाता है, तो खराब कोलेस्ट्रॉल का स्तर तेजी से घटता है।
पहले इंजेक्शन से होता था इलाज, अब गोली करेगी काम आसान
मैक्स हेल्थकेयर के चेयरमैन डॉ. बलबीर सिंह ने बताया इससे पहले PCSK9 inhibitors जैसे Evolocumab इंजेक्शन के रूप में इस्तेमाल किए जाते थे, जो भारत में भी उपलब्ध हैं। ये हर दो हफ्ते या महीने में एक बार दिए जाते हैं और एलडीएल को 70% तक घटाने में सक्षम हैं। अगर इंजेक्शन के बराबर प्रभाव गोली (daily pill) के रूप में मिले, तो यह मरीजों के लिए कहीं ज्यादा आसान और सुविधाजनक होगा। इंजेक्शन की जगह अगर गोली उपलब्ध हो जाती है तो यह मरीजों के लिए बड़ी राहत होगी, लेकिन हमें यह देखना होगा कि क्या इससे हार्ट अटैक का खतरा भी उतनी ही तेजी से घटता है।
रिसर्च में कैसे मिले चौंकाने वाले नतीजे
फेज-3 क्लिनिकल ट्रायल में 2,912 वयस्कों को शामिल किया गया, जिनकी औसत आयु 63 वर्ष थी। अध्ययन 14 देशों में अगस्त 2023 से जुलाई 2025 के बीच किया गया। परिणामों के मुताबिक जिन मरीजों ने एनलिसिटाइड को अपनी नियमित स्टैटिन दवा के साथ लिया उनके LDL स्तर में 24 हफ्तों में 60% तक की कमी देखी गई। वहीं जिन लोगों ने केवल प्लेसबो (placebo) लिया, उनमें यह सुधार नहीं हुआ। अध्ययन के नतीजे अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) के वैज्ञानिक सत्रों में प्रस्तुत किए गए। दवा निर्माता कंपनी Merck अगले साल FDA (यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) से मंजूरी के लिए आवेदन करने की योजना बना रही है।
क्या भविष्य में PCSK9 पिल्स अकेले ली जा सकेगी?
स्पर्श हॉस्पिटल, बेंगलुरु के लीड कार्डियोलॉजिस्ट डॉ.रंजन शेट्टी बताते हैं कि स्टैटिन दवाएं आम तौर पर 40% तक LDL को कम करती हैं, लेकिन कुछ मरीजों में यह पर्याप्त नहीं होता। कई मरीजों को हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया जैसी आनुवंशिक बीमारी होती है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे मामलों में केवल स्टैटिन पर्याप्त नहीं होतीं। कुछ अन्य दवाएं या सप्लीमेंट भी इनके असर को कम कर देते हैं।
क्या नई गोली स्टैटिन की जगह ले सकती है?
डॉ. बलबीर सिंह कहते हैं नई दवा स्टैटिन की जगह नहीं ले सकती। इसे स्टैटिन के साथ ही लेना चाहिए क्योंकि असली हेवी लिफ्टिंग स्टैटिन ही करती है। हालांकि इंजेक्शन की तुलना में गोली कम खर्चीली और सुविधाजनक होगी।
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