अचानक शरीर में होने वाले कुछ बदलाव मानसिक रूप से झकझोर कर रख देते हैं। ऐसी ही एक स्थिति है बिना गर्भावस्था या शादी के, ब्रेस्ट से दूध जैसा स्राव होना। यह सिर्फ चौंकाने वाला नहीं, बल्कि कई बार किसी गहरी स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है। ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज करना सही नहीं, बल्कि इनके पीछे छिपे कारणों को समझना बेहद ज़रूरी है। अगर किसी महिला के अचानक ब्रेस्ट से मिल्क डिस्चार्ज होने लगे तो ये बेहद डरावना लग सकता है, लेकिन इसके कई चिकित्सीय कारण हो सकते हैं। यह समस्या उतनी असामान्य नहीं है जितना लोग समझते हैं। कई मामलों में मिल्की डिस्चार्ज पुरुषों में भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि बिना प्रेग्नेंसी,बिना स्तनपान कराएं निप्पल से मिल्की डिस्चार्ज क्यों होता है उसका क्या कारण है?
बिना प्रेग्नेंसी,बिना स्तनपान कराएं निप्पल से मिल्की डिस्चार्ज का कारण
Bone and Birth Clinic और रेनबो हॉस्पिटल, बन्नेरघट्टा रोड की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. गाना श्रीनिवास ने बताया गर्भवती या स्तनपान नहीं कराने वाले व्यक्ति में निप्पल से दूध जैसा स्राव हार्मोनल उतार-चढ़ाव का संकेत हो सकते हैं। कुछ मामलों में ये डिस्चार्ज इर्रेगुलर पीरियड्स, ओवरी में सिस्ट होने की वजह से, तनाव की वजह से या वजन में बदलाव के कारण हो रहे हार्मोनल बदलावों की वजह से हो सकता है।
डॉ. गाना ने बताया कभी-कभी शारीरिक उत्तेजना जैसे बार-बार छूना या टाइट कपड़ों के कारण लगातार घर्षण भी कुछ संवेदनशील लोगों में इस तरह के डिस्चार्ज का कारण बन सकता है। इस तरह का डिस्चार्ज कभी-कभी अपने आप ही हो सकता है और समय के साथ ठीक भी हो सकता है। लेकिन अगर यह लगातार बना रहे या बार-बार होने लगे, खासकर तब जब कोई शारीरिक उत्तेजना न हो, तो इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. जगदीश हिरेमठ बताते हैं कि इस समस्या का एक आम कारण गेलेक्टोरिया (Galactorrhea) नामक स्थिति होती है, जिसमें शरीर में अनावश्यक रूप से दूध का उत्पादन होने लगता है। ये परेशानी हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकती है, खासकर तब जब प्रोलैक्टिन हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। प्रोलैक्टिन वही हार्मोन है जो दूध बनने के लिए जिम्मेदार होता है।
मिल्की डिस्चार्ज की जांच कैसे की जाती है?
डॉ. श्रीनिवास बताती हैं कि इस परेशानी की जांच के लिए शुरुआत में मरीज की मेडिकल हिस्ट्री और पीरियड संबंधी हिस्ट्री लेनी होती है। इसके बाद ब्रेस्ट की जांच की जाती है। प्रोलैक्टिन और अन्य हार्मोनों की जांच के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है। यदि प्रोलैक्टिन का स्तर अधिक हो तो पिट्यूटरी ग्लैंड की MRI कराई जा सकती है। डॉ. हिरेमठ के अनुसार थायरॉयड की कार्यप्रणाली और दवाओं से जुड़ी संभावनाएं भी जांची जाती हैं। निदान लक्षणों, मेडिकल हिस्ट्री और लैब व इमेजिंग रिपोर्ट्स के कॉम्बिनेशन पर आधारित होता है।
बॉडी में कौन-कौन से लक्षण दिखने पर कराएं जरूरी जांच
कभी-कभार होने वाला स्राव हमेशा चिंताजनक नहीं होता, लेकिन जब डिस्चार्ज गाढ़ा और लगातार हो या इसके साथ दूसरे लक्षण भी दिखे जैसे पीरियड्स रुक जाना, आंखों की रोशनी में बदलाव होना, सिरदर्द होना, स्किन में बदलाव, निप्पल का अंदर की ओर मुड़ना या ब्रेस्ट में कोई गांठ महसूस हो तो आप तुरंत अपनी जांच कराएं।
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