Control Uric Acid: शरीर में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से कई स्वास्थ्य समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है। ये एक ऐसी समस्या है जो एक बार हमारे शरीर में बढ़ जाए तो इसे कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो जाता है। शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ने से किडनी स्टोन, गठिया (Gout), जोड़ों में दर्द आदि जैसी कई गंभीर दर्दनाक समस्या हो सकती हैं। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए नागफनी बहुत ही असरदार होती है। आयुर्वेद एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने नागफनी के फायदे बताए हैं।
नागफनी के फायदे
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि नागफनी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होती है। इसके सेवन से कई बीमारियों से भी बचाव होता है। नागफनी जिसे प्रिकली पेयर भी कहा जाता है। यह एक औषधीय पौधा है, जो आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है।
मूत्र की परेशानी दूर होगी
आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, जिनको मूत्र की परेशानी है वह 4 से 5 ग्राम नागफनी की जड़, एक ग्राम मेथी, एक ग्राम अजवाइन और एक ग्राम सोंठ को 400 से 500 ग्राम पानी में पकाएं और जब 100 ग्राम बचे तो उसे छानकर पिएं। इसके सेवन से वात संबंधी बीमारियां में लाभ मिलेगा। इसके अलावा जिन लोगों को अर्थराइटिस की समस्या अभी शुरू हुई हो तो इससे उसे तुरंत रोका जा सकता है।
यूरिक एसिड कंट्रोल
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि शरीर में एक बार यूरिक एसिड बढ़ जाता है तो ये धीरे-धीरे करते बढ़ता चले जाता है। हालांकि, कई लोग अन्य उपाय करके यूरिक एसिड को कंट्रोल भी कर लेते हैं, लेकिन ये बार-बार बढ़ जाता है। ऐसे में इस उपाय का इस्तेमाल करके यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है। नागफनी में एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करते हैं। यह किडनी के फंक्शन को बेहतर बनाता है, जिससे यूरिक एसिड के लेवल को संतुलित किया जा सकता है।
सूजन से राहत
जिन लोगों को शरीर में सूजन की समस्या या शरीर में दर्द रहता है तो वह 3 से 4 नागफनी की जड़, एक ग्राम सोंठ, एक ग्राम अजवाइन और एक ग्राम मेथी को उबालकर काढ़ा बनाकर सेवन करें। इससे जल्द ही सूजन से राहत मिल जाएगी। नागफनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो गाउट और जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
दरअसल, यूरिक एसिड एक ऐसा पदार्थ है, जो हमारे खाने के प्यूरीन के टूटने से बनता है। प्यूरीन कई तरह के फूड्स और ड्रिंक्स में अधिक पाया जाता है, जिससे यूरिक एसिड के बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है। ऐसे में हमें अपने खानपान का खास ध्यान रखना होता है और हाई प्यूरीन फूड्स का सेवन कम करना चाहिए।
वहीं, सेब खाने से भी यूरिक एसिड को कंट्रोल किया जा सकता है। सेब के अंदर मैलिक एसिड होता है, जो हमारे खून में यूरिक एसिड के लेवल को कंट्रोल करता है।