अभी कोरोना से जंग खत्म भी नहीं हुई कि एक नये वायरस ने दुनिभर के लोगों में स्वास्थ्य चिंताएं बढ़ा दी हैं। लगभग 3 वर्ष होने को हैं जब किसी के बीमारी से पूरा विश्व पूरी तरह से उबर नहीं पाया है कि एक वायरल बीमारी, मंकीपॉक्स नामक वायरस अचानक से दुनियाभर में तेजी से फैल रहा है। मंकीपॉक्स वायरस को लेकर कई अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं, जैसे की कोरोना के समय बहुत सारी अफवाहें फैलाई गईं थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अफवाहों पर ध्यान न देते हुए मिथकों के बारे में लोगों तक सही जानकारी पहुंचनी जरूरी है। आइए जानते हैं उन मिथकों और मंकीपॉक्स से जुड़ी जानकारियों के बारे में-

मांस खाने से व्यक्ति मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित हो सकता है?

सोशल मीडिया में मंकीपॉक्स वायरस से संबंधित कई प्रकार की गलत जानकारियां फैलाई जा रही है। ऐसे में लोगों के बीच में इस वायरस को लेकर भ्रम की स्थिति है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और डबल्यूएचओ के मुताबिक सिर्फ मांस खाने से मंकीपॉक्स नहीं हो सकता है! लेकिन यदि कोई जानवर संक्रमित है और ऐसे में उनके सेवन से वायरस फैल सकता है लेकिन स्वस्थ, अच्छी तरह से पका हुआ मांस खाने से क‍िसी प्रकार की समस्‍या नहीं होती है।

समलैंगिक और बायसेक्‍सुअल लोगों में बढ़ रहे हैं मंकीपॉक्स के मामले?

कई रिपोर्ट के मुताबिक इस बात की पुष्टि हुई है कि समलैंगिक या बायसेक्‍सुअल पुरुषों में मंकीपॉक्स के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक वायरस भेदभाव किसी को भी संक्रमित करने के लिए कोई भेदभाव नहीं करता है। वहीं सीएनएन से बातचीत के दौरान सीडीसी (यूएस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल) डिवीजन ऑफ एचआईवी/एड्स प्रिवेंशन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जॉन ब्रूक्स के मुताबिक कोई भी व्यक्ति मंकीपॉक्स से संक्रमित हो सकता है। इसका बायसेक्‍सुअल या समलैंगिक से कोई लेना देना है। आपको बता दें कि अमेरिका में तो समलैंगिक समुदाय पर क‍िसी तरह का कोई खतरा या पाबंदियां भी नहीं है।

कोविड वैक्सीन के कारण बढ़ रहा है मंकीपॉक्स का प्रकोप ?

ब्रिटेन में लोगों के बीच में एक अफवाह उड़ी की एस्ट्राजेनेका की कोविड वैक्सीन के कारण मंकीपॉक्स फैल रहा है। लोगों का कहना था इस वैक्सीन के जरिए लोगों में मंकीपॉक्स के मामलों में तेजी देखने को मिल रहा है। लेकिन विशेषज्ञों ने इस फर्जी थ्‍योरी को खारिज कर दिया है और लोगों से इस अफवाह को प्रसारित करने से रोकने के लिए कहा है।

कोविड दे ज्यादा खतरनाक है मंकीपॉक्स?

डबल्यूएचओ के मुताबिक इस वायरस से सावधानी बरतने की जरूरत है, हालांकि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसके कोरोना से अधिक संक्रामक होने की बात नहीं कही है। नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (एनटीएजीआई) के कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरपर्सन डॉ एनके अरोड़ा ने एएनआई को बताया, “मंकीपॉक्स कोविड की तरह संक्रामक या गंभीर नहीं है। हालांकि, इसका प्रसार चिंता का विषय है। भारत में इस बीमारी से जुड़ा कोई भी संदिग्ध मामला सामने नहीं आया है।