Home Remedies to control Diabetes: डायबिटीज रोगियों को अपनी डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए ताकि उनके शरीर में ग्लूकोज का स्तर नॉर्मल बना रहे। दवाइयों के साथ-साथ हेल्दी लाइफस्टाइल भी मधुमेह रोगियों के लिए बहुत जरूरी है। कई फूड आइटम्स ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करते हैं, ऐसे में मधुमेह रोगियों को कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। हालांकि, मशरूम खाने से मरीजों के ब्लड शुगर स्तर पर खास प्रभाव नहीं पड़ता है। साथ ही, रक्त शर्करा काबू में भी रहता है। आइए जानते हैं कि किन कारणों से मशरूम को डायबिटीज के मरीजों के लिए लाभकारी माना जाता है –
सूजन कम करने में मददगार: शरीर में सूजन से मधुमेह और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। मशरूम में पाए जाने वाले तत्व एंटी-इंफ्लेमेट्री गुणों से भरपूर होते हैं जो इस परेशानी को कम करने में मददगार हैं।
ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है कम: मशरूम का जीआई बहुत ही कम होता है क्योंकि कार्ब्स की मात्रा न के बराबर होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स भी डायबिटीज रोगियों को उन खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए कहते हैं जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होता है। ऐसे में मशरूम के सेवन से शरीर में ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। ब्लड शुगर हाई होने से शरीर के अन्य हिस्से भी प्रभावित होते हैं, इनमें आंखें भी शामिल हैं। मशरूम में विटामिन ए भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ये आंखों की रोशनी को जल्दी प्रभावित नहीं होने देता।
न के बराबर होता है स्टार्च: स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार इन मरीजों के लिए मशरूम का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि इसमें स्टार्च की मात्रा न के बराबर ही होती है। डायबिटीज के मरीजों को नॉन स्टार्च फूड खाने की सलाह दी जाती है, ऐसे में मशरूम उनके लिए हेल्दी व टेस्टी विकल्प हो सकता है।
प्रीबायोटिक्स तत्वों से भरपूर: जर्नल ऑफ फंक्शनल फूड्स में प्रकाशित एक शोध के अनुसार सफेद मशरूम खाने से गट यानि कि आंत के माइक्रोबियल में सुधार करके प्रीबायोटिक के रूप में भी काम करता है। सफेद बटन मशरूम में प्रीबायोटिक की मौजूदगी से लिवर में ग्लूकोज बेहतर तरीके से रेगुलेट होता है।
मोटापा कम करने में सहायक: मधुमेह रोगियों को आमतौर पर वजन संतुलित रखने की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञों के अनुसार ताजे मशरूम वजन को नियंत्रित करने में काफी मददगार हैं।