मदर्स डे (Mother’s Day 2025) माताओं के अटूट प्रेम, लचीलेपन और बलिदान का सम्मान करने का समय होता है। वह कामकाजी मां हों या गृहिणी, वह अक्सर अपनी जरूरतों को सबसे आखिर में रखती हैं और परिवार का ख्याल पहले करती हैं। महिलाओं को अपनी सेहत का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि घर में मां हेल्दी है तो घर में रौनक बनी रहती है। हालांकि, वर्किंग पेरेंट्स के लिए घर और बच्चों का ख्याल रखना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।जैसे-जैसे महिलाएं 40 की उम्र पार करती हैं, उन्हें कई तरह के बदलाव देखने को मिल सकते हैं। ऐसे में महिलाओं को अपनी सेहत के साथ-साथ बच्चों का ध्यान रखना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

मां बनना उन सुखद एहसासों में से एक है, जिसे हर महिला पूरे दिल से निभाना चाहती है, लेकिन कई बार इसके लिए सेहत को नजरअंदाज करना उनके साथ-साथ बच्चे के लिए हानिकारक हो जाता है। बीएलके, मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में ऑब्स्टट्रेक्सि एंड गाइनेकोलॉजी की यूनिट हेड और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. प्रियंका सुहाग ने मदर्स डे के मौके पर महिलाओं को बच्चों के लिए डाइट प्लान बताया है। जिसे फॉलो करने से बच्चे की हेल्थ ही अच्छी होगी और उसे पर्याप्त पोषण भी मिलेगा। महिलाओं के खाने की आदतों का असर बच्चे पर भी पढ़ता है। ऐसे में जरूरी है कि आप जिस तरह अपने बच्चे के पोषण का ख्याल रख रही हैं, उसी तरह खुद का भी रखें। चलिए आपको बताते हैं बच्चे के लिए हेल्दी और पोषण से भरपूर डाइट चार्ट।

प्रोटीन रिच डाइट

हर एक महिला के लिए प्रोटीन रिच डाइट काफी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इससे मां का शरीर हील होता है और डिलीवरी के बाद लगने वाली भूख को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है।

कार्ब्स को शामिल करें

डाइट में कार्ब्स को शामिल करना बहुत ही आवश्यक है। अपनी डाइट में लगभग 30 फीसदी कार्ब्स को शामिल करें, क्योंकि शरीर को एनर्जी मिलती है।

हाइड्रेशन रहें

ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को हाइड्रेट रहना काफी जरूरी होता है। ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं में डिहाइड्रेशन का खतरा अधिक बढ़ जाता है। इसके मिल्क का प्रोडक्शन भी कम होता है।

ब्रेस्टफीड कराने वाली महिलाओं को क्या खाना चाहिए?

  • प्रतिदिन 2-3 बार प्रोटीन युक्त फूड्स जैसे मांस, मुर्गी, मछली, अंडे, डेयरी, बीन्स, नट्स और बीज शामिल करें।
  • रोजाना तीन बार सब्जियां खाएं, जिनमें हरे और पीले रंग की सब्जियों को शामिल करें।
  • दिन दो बार फल खाएं।
  • आहार में साबुत अनाज जैसे कि गेहूं की रोटी, पास्ता, अनाज और दलिया शामिल करें।

बच्चे के लिए डाइट प्लान

बच्चे के आहार में ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्व होने चाहिए, जिससे उनके विकास में कोई रुकावट न आए। बच्चे की डाइट के लिए हफ्ते के पहले दिन से शुरू करें तो, सोमवार को सुबह नाश्ते में वेजिटेबल, उपमा और दूध दें। इसके आधा उबला हुआ अंडा, एक छोटा केला खिलाएं। इसके बाद ज्वार और गेहूं की रोटी के साथ सब्जी खिलाएं।

​मंगलवार

सुबह नाश्ते में रागी डोसा और दूध, फिर आधे अंडे का आमलेट और संतरे की कुछ फांक। इसके बाद रोटी, दाल, सब्जी और थोड़े चावल खिलाएं।

बुधवार

नाश्ते में सेब, खीर या परांठा दें। इसके बाद आधा उबला हुआ अंडा और फल, फिर रोटी, दाल, सब्जी और सलाद खिलाएं।

​बृहस्पतिवार

सुबह नाश्ते में दलिया, थोड़ी देर बाद दही में गुड़ डालकर खिलाएं। इसके बाद ज्वार और गेहूं की रोटी के साथ छोले-पालक और दाल खिलाएं।

शुक्रवार

नाश्ते में ज्वार की खीर, थोड़ी देर में 1 से 2 पनीर के लड्डू, वेजिटेबल सूप, फ्राइड राइस और गाजर आदि खिलाएं।  

शनिवार

नाश्ते में खीर और फिर थोड़ी देर में आधे अंडे का आमलेट, फल आदि खिलाएं। इसके बाद रोटी, दाल और सब्जी खिलाएं।

रविवार

नाश्ते में उपमा,  चॉकलेट मिल्‍क और थोड़ी देर में खजूर और बादाम का लड्डू खिलाएं। इसके बाद ज्वार और गेहूं की रोटी के साथ छोले और पालक की सब्जी दें।