बार-बार पेशाब आने की परेशानी कई कारणों से होती है। सबसे सामान्य कारण है मूत्र मार्ग में बैक्टीरिया का संक्रमण, जो ब्लैडर या किडनी तक फैल सकता है। यह समस्या महिलाओं में ज्यादा पाई जाती है क्योंकि उनका मूत्रमार्ग छोटा होता है। डायबिटीज, प्रोस्टेट बढ़ना, गर्भावस्था, बार-बार पेशाब रोकना, पर्याप्त पानी न पीना और सफाई की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। कुछ मामलों में अत्यधिक कैफीन, अल्कोहल या नमक का सेवन भी ब्लैडर को उत्तेजित कर देता है जिससे पेशाब बार-बार आता है। शरीर में मैग्नीशियम या पोटैशियम जैसे मिनरल्स की कमी भी मूत्र नियंत्रण को प्रभावित करती है।
पेशाब में इंफेक्शन होने पर कई तरह के लक्षण दिखाई देते हैं जैसे पेशाब में जलन, दर्द, पेशाब में बदबू या धुंधलापन महसूस हो सकता है। समय पर इलाज न कराने पर यह संक्रमण किडनी तक फैल सकता है। इसलिए उचित पानी पीना, स्वच्छता बनाए रखना और संतुलित आहार का सेवन करना जरूरी है।
ज्यादा पेशाब आने की समस्या में लोग पानी पीना कम कर देते हैं, जबकि पानी शरीर के लिए पानी बहुत जरूरी है। पानी की कमी से शरीर में कमजोरी, नींद की समस्या, मांसपेशियों में ऐंठन, घबराहट, ब्लड प्रेशर बढ़ना और डायबिटीज जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। एक नॉर्मल इंसान दिन में लगभग 7–8 बार पेशाब करता है, लेकिन अगर हर घंटे या आधे घंटे में पेशाब लगता है तो यह फ्रिक्वेंट यूरिनेशन की समस्या है।
चिकित्सा अधिकारी (आयुष), ब्लॉक स्तरीय अस्पताल, जनपद बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश में डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया रात में हमारे शरीर में ADH नामक हार्मोन बनता है जो पेशाब को ब्लैडर में रोकने का काम करता है। लेकिन यदि शरीर में पानी की कमी हो तो ADH हार्मोन सही से काम नहीं करता और पानी अवशोषित नहीं हो पाता। इससे शरीर में पानी स्किन के नीचे जमा होने लगता है, जिसे एडिमा कहा जाता है। यही कारण है कि कई लोगों के हाथ-पैर या पेट सूजे हुए लगते हैं।
पेशाब की समस्या को कंट्रोल करने के लिए ये नमक है असरदार
इस समस्या को दूर करने के लिए शरीर में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा जरूरी है। उम्र बढ़ने या गलत जीवनशैली की वजह से मैग्नीशियम की कमी हो जाती है, जिससे पानी सही से डाइजेस्ट नहीं होता। इसकी पूर्ति के लिए समुद्री नमक का सेवन करें। इसमें लगभग 85% तक मिनरल्स होते हैं जो सेल्यूलर लेवल पर पानी के अवशोषण में मदद करते हैं। इससे एडीएच हार्मोन सक्रिय होता है और पेशाब बार-बार आने की समस्या कम होती है।
मोरिंगा के पत्तों से करें पेशाब की समस्या का इलाज
यदि आप सी साल्ट का उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो मोरिंगा लीफ जिसे सहजन के नाम से भी जाना जाता है उसका पाउडर बनाकर सेवन करें। इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। रात को सोने से आधा घंटा पहले 5 ग्राम मोरिंगा पाउडर मिलाकर पिएं। इससे शरीर में ADH हार्मोन सक्रिय होगा, पानी का अवशोषण बेहतर होगा, ब्लैडर पेशाब को रोककर रखेगा और रात में बार-बार उठने की समस्या कम होगी।
पेशाब की समस्या में मोरिंगा के पत्तों का पाउडर कैसे सेवन करें?
रात को सोने से आधा घंटा पहले एक गिलास गुनगुने पानी में एक छोटा चम्मच मोरिंगा पाउडर मिलाकर पिएं। इसे लगातार 15 दिन तक सेवन करें आपको यूरिन से जु़ड़ी समस्या से राहत मिलेगी।
मोरिंगा पाउडर के सेहत के लिए फायदे
मोरिंगा पाउडर के नियमित सेवन से मांसपेशियों में ऐंठन दूर होगी। ये पाउडर नसों में होने वाले खिंचाव का इलाज करेगा। इसका सेवन करने से हाथ-पैरों का दर्द और कमजोरी की समस्या दूर होगी। अगर रोज इस पाउडर का सेवन करेंगे तो आप ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करेंगे। मोरिंगा के पत्ते पोषक तत्वों का भंडार हैं। इनमें मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, विटामिन A, C और E प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये पत्ते इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं, ब्लड शुगर को कंट्रोल करते हैं और पाचन में सुधार करते हैं। मोरिंगा पाउडर से थकान, एनीमिया और बार-बार पेशाब आने की समस्या में राहत मिलती है। यह लिवर को डिटॉक्स करता है, स्किन को निखारता है और शरीर को ऊर्जावान बनाए रखता है।
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