आजकल की तेज रफ्तार जिंदगी में लोग अपने खानपान और दिनचर्या पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। बाहर का तला-भुना खाना, अनियमित समय पर भोजन, तनाव और नींद की कमी का सीधा असर पाचन तंत्र पर पड़ता है। इसका नतीजा यह होता है कि पेट से जुड़ी समस्याएं, थकान, गैस, कब्ज, एसिडिटी, फैटी लिवर और असंतुलित ब्लड शुगर जैसी दिक्कतें आम हो जाती हैं। जब पाचन सही नहीं रहता, तो पूरे शरीर की कार्यप्रणाली बिगड़ने लगती है। ऐसे में सिर्फ दवाओं पर निर्भर रहने के बजाय खानपान और लाइफस्टाइल में सुधार करना बेहद जरूरी हो जाता है।
आयुर्वेद विशेषज्ञों के मुताबिक, पाचन को मजबूत करने और शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पत्तेदार सब्जियां बेहद फायदेमंद होती हैं। जनरल फिजिशियन और डायबेटोलॉजिस्ट डॉ. शालिनी सिंह सालुंके का कहना है कि हमारी रोजमर्रा की थाली में नजर आने वाली हरी पत्तेदार सब्जियों में सेहत की कुंजी छिपी है। आयुर्वेद से लेकर आधुनिक विज्ञान तक, हर जगह इन पत्तों के औषधीय गुणों को माना गया है। अगर इन्हें नियमित रूप से खाया जाए, तो कई गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है।
शरीर से टॉक्सिन निकालने में मददगार
आज के समय में धुआं, प्रदूषण, रसायन और अनहेल्दी खाना शरीर में रोज टॉक्सिन जमा करता है। जब ये विषैले तत्व लंबे समय तक शरीर में रहते हैं, तो बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। सहजन यानी मोरिंगा के पत्तों में विषहरण यानी डिटॉक्स करने की क्षमता होती है। ये खून को साफ करते हैं और शरीर को अंदर से शुद्ध रखते हैं। नियमित सेवन से त्वचा में निखार आता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है।
शरीर के दर्द और सूजन में राहत
मोरिंगा के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर में होने वाली सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं। जो लोग जोड़ों के दर्द या शरीर में अकड़न से परेशान रहते हैं, उनके लिए ये पत्ते काफी लाभकारी हैं। आयुर्वेदिक उपाय के तौर पर मेथी के पत्तों का पाउडर पानी में उबालकर पीने से भी दर्द में आराम मिल सकता है।
पाचन तंत्र को बनाएं मजबूत
खराब खानपान की वजह से कब्ज, गैस और एसिडिटी की समस्या आम हो गई है। मोरिंगा के पत्ते पेट में मौजूद हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करते हैं और अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देते हैं। खाली पेट इन पत्तों का उबला हुआ पानी पीने से पेट साफ रहता है और पाचन बेहतर होता है। इनके एंटीसेप्टिक और पाचक गुण लंबे समय तक पाचन संबंधी परेशानियों से राहत दिलाते हैं।
ब्लड शुगर कंट्रोल में सहायक
डायबिटीज आज एक बड़ी समस्या बन चुकी है। मोरिंगा के पत्तों में इंसुलिन जैसा तत्व पाया जाता है, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि नियमित रूप से इन पत्तों का सेवन करने से शुगर लेवल संतुलित रहता है और इंसुलिन की जरूरत भी कम हो सकती है। शुगर मरीजों के लिए यह एक प्राकृतिक उपाय माना जाता है।
वजन घटाने में मददगार
मोरिंगा के पत्तों में कैलोरी कम और फाइबर अधिक होता है। इससे पेट लंबे समय तक भरा हुआ महसूस करता है और बार-बार भूख नहीं लगती। जो लोग वजन घटाना चाहते हैं, उनके लिए ये पत्ते काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसके अलावा हरी पत्तेदार सब्जियां खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करती हैं। इससे दिल की बीमारियों और हार्ट अटैक का खतरा घटता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, अगर आप अपने पाचन, वजन, शुगर और दिल की सेहत का ध्यान रखना चाहते हैं, तो अपनी रोज की थाली में मोरिंगा जैसी पत्तेदार सब्जियों को जरूर शामिल करें। यह छोटा सा बदलाव लंबे समय में बड़ी सेहतमंद राहत दे सकता है।
डिस्क्लेमर
यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
