सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में  फार्मा कंपनियों के 100 से ज्यादा कफ सिरप क्वालिटी चेक मे फेल पाए गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक टेस्ट में विफल हुए इन कफ सिरप में उज्बेकिस्तान, गाम्बिया और कैमरून में पाए गए खांसी के सिरप में मौजूद टॉक्सिन मौजूद है जो इन देशों में बच्चों की मौत के लिए जिम्मेदार बने थे।

द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक 7,087 सिरप में से  353 सिरप क्वलिटी चेक में फेल हुए हैं। इनमें से नौ बैचों में डायथिलीन ग्लाइकॉल(DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) जैसे  हानिकारक पदार्थ मौजूद थे। अब सवाल ये उठता है कि अगर कफ सिरप सेहत के लिए खतरा हैं तो बरसात में होने वाले सर्दी जुकाम और फ्लू के लक्षणों को फिर कैसे कंट्रोल किया जाए।

कफ सिरप में  DEG और EG के हेल्थ रिस्क और संदूषण

इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के इंटरनल मेडिसिन के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. राकेश गुप्ता बताते हैं कि सिरप में पाए गए डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) अत्यधिक जहरीले पदार्थ हैं जो कफ सिरप के निर्माण के दौरान उसे दूषित कर सकते हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को पैदा कर सकते हैं।

इस संदूषित DEG और EG के सेवन से किडनी से जुड़ी परेशानियां,साँस लेने में दिक्कत और यहां तक मौत भी हो सकती है। इन कफ सिरप के सेवन से उल्टी, दस्त, पेट दर्द,सेंट्रल नर्वस सिस्टम डिप्रेशन और गंभीर मामलों में दौरे, कोमा और मौत शामिल हैं। सर्दी खांसी से बचाव करने के लिए अपने मन से कफ सिरप का सेवन नहीं करें बल्कि डॉक्टर के बताई गई दवा का ही सेवन करें।

कफ सिरप का सुरक्षित विकल्प

  • डॉ. गुप्ता ने बताया फ्लू के लक्षणों से बचाव करने के लिए आप सिरप की जगह नेज़ल स्प्रे या ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें। बच्चों के लिए हनी बेस्ड कफ सिरप का सेवन करें। खांसी का इलाज करने के लिए गर्म सूप, गर्म चाय जैसे गर्म लिक्विड फूड्स का सेवन करने से परहेज करें।
  • फ्लू स बचाव करने के लिए आप पानी में नीलगिरी के तेल की कुछ बूंदें मिलाएं और उससे भाप लें।
  • फ्लू के लक्षणों को कंट्रोल करने के लिए एंटीवायरल दवाएं और जिंक जैसे होम्योपैथिक उपचार का सेवन करें। होम्योपैथिक सिरप में आप लोजेंजेस या एल्डरबेरी सिरप का सेवन कर सकते हैं।
  • गले के बलगम और गले की खुजली को आराम देने के लिए आप पानी में शहद डालकर उससे भांप लें आपको फायदा होगा।
  • तुलसी के पत्तों का सेवन करें इम्युनिटी स्ट्रांग होगी और फ्लू से भी बचाव होगा। तुलसी के पत्ते जुकाम और खांसी से बचाव करें। आप तुलसी का सेवन उसका काढ़ा बनाकर भी कर सकते हैं।
  • औषधीय गुणों से भरपूर शहद और अदरक के रस का सेवन करें गले की खराश कम होगी और सर्दी-खांसी से भी निजात मिलेगी।
  • मुलेठी सर्दी-खांसी के लिए एक असरदार आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो गले के अंदर से बलगम को निकालती है और गले को आराम देती है। आप मुलेठी को गर्म पानी में मिलाकर पी सकते हैं।