Metformin एक एंटी-डायबिटिक दवा है, जिसे खासतौर पर टाइप-2 डायबिटीज़ के मरीज अपने ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए लेते हैं। यह दवा लिवर में ग्लूकोज उत्पादन को कम करती है, इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाती है और आंत में ग्लूकोज के अवशोषण को घटाती है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर स्थिर रहता है।

हाल ही में शोधों और मेडिकल प्रैक्टिस में यह भी पाया गया है कि Metformin का सेवन वजन कंट्रोल में भी मददगार हो सकता है। यह दवा मुख्य रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है, जिनमें मोटापे और टाइप-2 डायबिटीज़ दोनों का जोखिम है। Metformin की मदद से शरीर में फैट का जमा होना कम होता है और मेटाबॉलिज़्म बेहतर होता है, जिससे वजन को कंट्रोल करना आसान होता है। डॉक्टर अक्सर यह दवा उन मरीजों को खाने की सलाह देते हैं, जिनका ब्लड शुगर अस्थिर होता है, इंसुलिन रेजिस्टेंस अधिक है या वजन बढ़ने की समस्या होती है।

 डायबिटीज के एक मरीज ने अपने डॉक्टर से पूछा क्या कच्चा प्याज Metformin दवा का काम कर सकता है? एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. संजय कालरा ने बताया अक्सर उनके मरीज उनसे ये सवाल पूछते हैं,क्या कच्चा प्याज टाइप-2 डायबिटीज़ में मेटफॉर्मिन की जगह ले सकता है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं कि क्या कच्चा प्याज सच में मेटफॉर्मिन का काम करता है?

  • क्या कच्चा प्याज टाइप-2 डायबिटीज में मेटफॉर्मिन की जगह ले सकता है?

एंडोक्रिनोलॉजिस्ट डॉ. संजय कालरा ने बताया कच्चा प्याज मेटफॉर्मिन की जगह नहीं ले सकता, लेकिन इसे पूरक (complement) के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। मेटफॉर्मिन टाइप-2 डायबिटीज़ के लिए गोल्ड स्टैंडर्ड फर्स्ट-लाइन थेरेपी है। बड़े क्लिनिकल ट्रायल्स में यह साबित हो चुका है कि यह HbA1c को कम करती है, फास्टिंग और पोस्टप्रांडियल ग्लूकोज लेवल को सुधारता है और लंबी अवधि में कार्डियोवस्कुलर जोखिम को घटाती है। इस दवा का काम लीवर में ग्लूकोज उत्पादन को कम करना, इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाना और आंत में ग्लूकोज के अवशोषण को घटाना है।

कच्चा प्याज डायबिटीज कंट्रोल करता है?

दिलचस्प बात यह है कि प्याज (Allium cepa), खासकर कच्चा प्याज, हाइपोग्लाइसेमिक गुण दिखाता है। डॉ. कालरा के अनुसार एक क्लिनिकल स्टडी में पाया गया कि 100 ग्राम कच्चा लाल प्याज खाने से टाइप-2 डायबिटीज़ के मरीजों में कुछ ही घंटों में फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज लेवल में काफी कमी देखी गई। लैब स्टडीज भी सुझाव देती हैं कि प्याज में मौजूद कंपाउंड ए-एमाइलेज और ए-ग्लूकोसिडेज जैसे एंजाइम को रोक सकती हैं, जिससे कार्बोहाइड्रेट पाचन धीमा होता है और खाने के बाद ब्लड शुगर के अचानक बढ़ने की समस्या कम होती है।

डॉ. कालरा ने कहा कि मेटफॉर्मिन का दुनिया भर में हजारों मरीजों पर लंबे समय तक अध्ययन किया गया है। प्याज का असर दिलचस्प जरूर है, लेकिन यह short-term और छोटे समूहों या जानवरों पर किए गए अध्ययनों पर आधारित है। इसके लाभ देखने के लिए रोजाना बड़ी मात्रा में प्याज खाना पड़ सकता है, जो पेट की तकलीफ और दूसरी परेशानियां पैदा कर सकता है और ये सभी लोगों के लिए खाना ठीक नहीं है।

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क्या कच्चा प्याज शुगर स्पाइक को तुरंत रोकता है?

डॉ. विजय नेगलुर, HOD, डायबिटोलॉजी, KIMS हॉस्पिटल, ठाणे ने कहा कि कच्चा प्याज फाइबर-युक्त, एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन से भरपूर है। यह ब्लड शुगर के अचानक बढ़ने (spikes) को कंट्रोल करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। हालांकि, अधिक सेवन से कुछ लोगों में पेट में जलन या एसिडिटी हो सकती है। डॉ. नेगलुर कहते हैं केवल नेचुरल सॉर्स के भरोसे रहकर दवाओं का सेवन नहीं करना सेहत के लिए जोखिम साबित हो सकता है। सही उपाय ये है कि भोजन को दवाओं का पूरक (supplement) बनाकर इस्तेमाल किया जाए, न कि उनकी जगह। डॉक्टर ने कहा कि फूड का सेवन करने से वो दवाओं की तरह असर नहीं करते।

कच्चा प्याज कैसे डायबिटीज़ कंट्रोल करने में मदद करता है

कच्चा प्याज खाने से खाने से पहले और बाद में ग्लूकोज लेवल कम होता है। प्याज में मौजूद कंपाउंड कार्बोहाइड्रेट पचाने वाले एंजाइम को रोकते हैं, जिससे खाने के बाद शुगर स्पाइक कम होती है। फाइबर से भरपूर प्याज पेट की सफाई और शुगर कंट्रोल करने में मदद करता है। एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर प्याज शरीर को oxidative stress से बचाता है और दिल की सेहत में सुधार करता है।

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