India-Pakistan Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत आतंकियों पर जवाबी कार्रवाई की। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव का असर लोगों की हेल्थ को भी प्रभावित कर सकता है। हर जगह भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की खबरें और चर्चा हो रही है। पाकिस्तान के साथ तनाव या हमले की खबरों से लोगों के मन में डर और चिंता बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में बॉर्डर एरिया में रहने वाले लोगों के लिए यह मानसिक रूप से बेहद चुनौतीपूर्ण समय हो जाता है, क्योंकि ऐसे हालातों में लोगों में एंजाइटी यानी बेचैनी, डिप्रेशन और तनाव की स्थिति बढ़ सकती है, जो मानसिक सेहत पर बुरा असर डाल सकती हैं। गाजियाबाद के जिला अस्पताल में मानसिक रोग विभाग में डॉ. एके कुमार ने बताया कि इसका कैसे मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है और इससे कैसे बचाव करें।

मानसिक स्थिति पर कैसे पड़ सकता है असर

दरअसल, बॉर्डर पर रहने वाले लोग या उसके आसपास में रहने वाले लोग अक्सर गोलाबारी, सोशल मीडिया, खतरों और सेना की हलचल को बहुत करीब से देखते हैं। हालांकि, भारत पाकिस्तान के बीच तनाव को नई बात नहीं है, लेकिन जब भी अचानक तनाव बढ़ने लगता है तो लोगों में तनाव, बेचैनी और डर का माहौल बन जाता है। तनाव और डर से मानसिक स्थिति बिगड़ सकती है, क्योंकि ऐसी स्थिति में खानपान से लेकर कामकाज सब प्रभावित होने लगता है।

डॉ. एके कुमार के मुताबिक, युद्ध या तनाव के दौरान लोगों में PTSD की समस्या अधिक बढ़ सकती है। जिसका मुख्य कारण नींद की समस्या होती है। क्योंकि, तनाव की स्थितियों में लोगों को नींद नहीं आती, जिसका सीधा असर दिमाग पर पड़ता है। डर और चिंता के चलते लोगों की मानसिक सेहत को नुकसान होता है। इससे लोगों को घबराहट, चिड़चिड़ापन और नींद न आना आदि जैसी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में समय रहते इनका समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह गंभीर मानसिक बीमारी बन सकती है।

मानसिक तनाव को कैसे दूर करें

भारत-पाक (India-Pakistan Tension) के बीच तनाव के माहौल में दिमाग को शांत रखना बहुत ही आवश्यक है। ऐसे में दिमाग को हेल्थ बनाए रखने के लिए समाचारों से पूरी तरह दूर नहीं बनाएं, लेकिन बहुत ज्यादा और फेक खबरों से बचें। अपनी भावनाओं को किसी के साथ शेयर करें और दूसरों की बात को ध्यान से सुनें। नियमित रूप से योग, ध्यान और एक्सरसाइज जरूर करें।

सोच को पॉजिटिव बनाए रखें

तनाव के माहौल के बीच आपकी सोच बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लगातार नकारात्मक खबरों और विचारों से दूरी बनाएं। मन में शांत और पॉजिटिव विचारों को सोचें।

ज्यादा देर तक टीवी और मोबाइल नहीं देखें

बार-बार न्यूज देखना मानसिक तनाव को और बढ़ाता है। दिन में कुछ समय अपने मनपसंद और जरूरी कामों में लगाएं। इसके अलावा अपने समय को किताब पढ़ना, संगीत सुनना, बच्चों के साथ टाइम बिताने में लगाएं।

पर्याप्त नींद लें

तनावपूर्ण माहौल में नींद में खलल, अनिद्रा और बुरे सपने आना आम समस्याएं हैं। ऐसी स्थिति में पर्याप्त नींद लें। हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद बहुत ही आवश्यक है। नींद पूरी होने से दिमाग शांत रहता है और मन भी अच्छा होता है।  

सोशल डिस्टेंस नहीं बनाएं

तनाव के कारण लोग सामाजिक गतिविधियों से दूर हो सकते हैं, जिससे अकेलापन और मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं। ऐसे में परिवार, मित्रों और समुदाय से जुड़ाव बनाए रखें। अपने विचार और भावनाओं को साझा करने से मानसिक स्थिति में सुधार हो सकता है।

खानपान और डेली रूटीन फॉलो करें

तनाव के माहौल में खानपान और डेली रूटीन का ख्याल रखें। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और पर्याप्त नींद मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।