आमतौर पर मासिक धर्म चक्र यानी पीरियड्स साइकिल 28-35 दिनों का होता है। कई बार इसमें 4-5 दिनों की देरी भी हो जाती है। यानी अगर एक महीने 20 तारीक को पीरियड्स होना शुरू हुए हैं, तो दूसरे महीने ये 20 को ना होकर 28 या 30 को होते हैं। ऐसा होना एकदम सामान्य है। हालांकि, कई बार बहुत सी महिलाओं के साथ एक महीने में 2 बार पीरियड होने की समस्या देखने को मिलती है। यानी उनकी मेंस्ट्रुअल साइकिल 15 दिन की हो जाती है, जो सामान्य स्थिति नहीं है। ऐसे में अगर आपको भी अक्सर इस तरह की स्थिति का सामना करना पड़ता है, तो ये आर्टिकल आप ही के लिए है।

महीने में 2 बार पीरियड्स होने को अक्सर महिलाएं कमजोरी या थकान से जोड़कर देखने लगती हैं। हालांकि, आपको बता दें कि इन कारणों से अलग इसके पीछे कुछ गंभीर वजह भी हो सकती हैं। इस लेख में हम आपको इन्हीं वजहों के बारे में बता रहे हैं। साथ ही जानेंगे कि ऐसा होने पर आपको कब अपनी जांच कराने की जरूरत है।

ये हो सकते हैं कारण

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज

ये एक ऐसी स्थिति है जिसमें बैक्टीरिया वजाइना या सर्विक्स के माध्यम से महिलाओं के रिप्रोडक्टिव ऑर्गन में प्रवेश कर उन्हें संक्रमित कर देते हैं। इस संक्रमण की चपेट में आने पर उन्हें गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय से जुड़ी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही ये संक्रमण असामान्य यूटरिन ब्लीडिंग का कारण भी बनता है। यानी पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की चपेट में आने पर भी आपको महीने में दो बार या इससे ज्यादा भी पीरियड्स होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

थायरॉइड

थायरॉइड की प्रॉब्लम में भी मेंस्ट्रुअल साइकिल छोटा हो जाता है। दरअसल,प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन ये दो हार्मोन मेंस्ट्रुअल साइकिल को कंट्रोल करते हैं। वहीं, इन दोनों हार्मोन्स का प्रोडक्शन थायरॉइड ग्रंथि से ही होता है। ऐसे में थायरॉइड होने पर ये साइकिल बिगड़ जाता है और महिलाओं को 15 दिनों में पीरियड्स होने की समस्या का सामना करना पड़ता है।

ओवरी में सिस्ट या गांठ

अगर आप हर महीने दो बार पीरियड्स आने की परेशानी से जूझ रही हैं, तो बता दें कि इसके पीछे ओवरी में सिस्ट या कोई गांठ होना भी एक कारण हो सकता है। ऐसा होने पर बार-बार हार्मोन्स का संतुलन प्रभावित होता है।

गर्भाशय में फाइब्रॉएड

इन सबके अलावा, अगर किसी महिला के गर्भाशय में फाइब्रॉएड है, तो इसके कारण भी उन्हें महीने में 2 पीरियड्स आ सकते हैं। फाइब्रॉएड दरअसल, गर्भाशय में मांसपेशियों व कोशिकाओं की एक या एक से ज्यादा गांठ होती हैं। ये गर्भाशय की दीवारों पर पनपने वाला एक प्रकार का ट्यूमर होता है, जिसे लियम्योमा या फिर म्योमा कहा जाता है।

कब है डॉक्टर के पास जाने की जरूरत?

हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, पीरियड्स के समय में अंतर आना सामान्य बात है, इसके अलावा कभी-कभार महीने में दो बार पीरियड्स का आना भी नॉर्मल है, लेकिन अगर ऐसा हर महीने हो रहा है यानी आपको हर महीने दो बार पीरियड हो रहे हैं, तो इसे हल्के में लेने की गलती बिल्कुल ना करें। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इससे अलग अगर आपको मासिक धर्म के दौरान सामान्य से अधिक और खासकर पेट के निचले हिस्से में दर्द, यौन संबंध बनाते समय दर्द, ब्लीडिंग के दौरान काले थक्के नजर आना, वजाइना में सूजन, रूखापन, हमेशा गीलापन रहने जैस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है, तो भी बिना अधिक देरी किए एक बार अपनी जांच जरूर करा लें।

Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए डॉक्टर से जरूर परामर्श करें।