ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के दौरान खाना नहीं खाना चाहिए। लेकिन बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं हल्का खाना खा सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ग्रहण के दौरान निकलने वाली अल्ट्रावॉयलेट किरणें खाने को दूषित और जहरीला बना देती हैं, जिसके कारण स्वास्थ्य प्रभावित होता है। हालांकि यह रेज कच्ची चीजों को प्रभावित नहीं करती है, लेकिन पके हुए खाने को प्रभावित करती है।
व्यस्त दिनचर्या होने के कारण कई बार लोग सुबह के लिए रात में ही सब्जी या खाने की अन्य चीजें बनाकर रख देते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो पके हुए खाने में तुलसी का पत्ता जरूर डाल दें। तुलसी का पत्ता इस रेज को खाने तक पहुंचने से रोकता है और उसमें मौजूद विषाक्त पदार्थों को भी नष्ट कर देता है। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि ग्रहण के दौरान खाना खाने से इंसान रोगी हो जाता है और दूसरे का दिया खाना खाने से उसके कई जन्मों के पुण्य नष्ट हो जाते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, आमतौर पर जो चीज चंद्रमा के एक पूर्ण चक्र के दौरान 28 दिनों में होती है, वह चंद्रग्रहण के दौरान दो से तीन घंटे के भीतर पूरी रूप में पूरी होती है। ऐसे में धरती पर कुछ ऐसी चीजें घटित होती हैं, जिससे अपनी प्राकृतिक स्थिति से हटने वाली कोई भी चीज तेजी से खराब होने लगती है। यही वजह है कि चंद्र ग्रहण के दौरान खाने और नहाने के लिए मना किया जाता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या ना करें:
– चंद्र ग्रहण शुरू होने से 9 घंटे पहले खाना ना खाएं। पानी पी सकते हैं।
– चंद्र ग्रहण के दौरान फास्टिंग करें और पानी भी ना पिएं।
– ग्रहण लगने के दौरान भगवान को याद करना चाहिए।
– ग्रहण लगने के तुरंत बाद ठंडे पानी से नहाना चाहिए।
– पूर्व ग्रहण काल के दौरान भगवान को कोई भोजन नहीं दिया जाना चाहिए।
