आज शहरी जीवन शैली कुछ इस तरह की हो गई है कि अक्सर लोग पीठ दर्द की शिकायत करते हैं। दुनियाभर में लाखों लोग इससे प्रभावित हैं, लेकिन कभी इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है। आजकल युवाओं में भी यह समस्या दिख रही है। मगर यह भी एक तथ्य है कि उम्र के साथ समस्या बढ़ने लगती है।
आमतौर पर पीठ में दर्द लापरवाही के कारण होता है, जिन पर गौर नहीं किया जाता है। हल्का दर्द हो या चुभन वाला, इससे पीड़ित व्यक्ति हर समय बेचैन रहता है। रोजमर्रा के काम करने में उसे मुश्किल होती है। कभी-कभी पीठ दर्द कई दिनों तक बना रहता है। ऐसे में चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। इससे आगे की जटिलताओं से बचा जा सकता है।
पीठ दर्द क्यों होती है?
आजकल भागदौड़ की जिंदगी में पीठ दर्द सामान्य बात है। लगातार बैठ कर काम करने से भी यह समस्या बढ़ी है। इसके कारणों को समझ लें, तो इससे कुछ हद तक बचा जा सकता है। भारी वजन उठाने से भी दर्द हो सकता है। पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से भी समस्या हो सकती है।
अर्थराइटिस की वजह से भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है। रीढ़ की हड्डियों में आई जटिलता भी समस्या की वजह हो सकती है। ज्यादा उम्र होने पर भी कई कारणों से पीठ में दर्द होता है। हालांकि तीस से चालीस साल की उम्र से यह समस्या बढ़ने लगती है। मोटापा भी एक वजह हो सकता है। वहीं गुर्दे में संक्रमण से भी पीठ दर्द की समस्या हो सकती है।
क्या कहते हैं सद्गुरु?
सद्गुरु जग्गी वासुदेव के मुताबिक, पीठ दर्द का सीधा संबंध खान-पान से भी होता है। वह कहते हैं कि कई लोग रात के समय भरे पेट सो जाते हैं, जिसके कारण इसका सारा भार रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है और इससे कई दूसरे अंग भी सही से काम नहीं कर पाते हैं। सद्गुरु के मुताबिक, सूर्यास्त से पहले खाना खा लेनी चाहिए। वह ये भी कहते हैं कि सोने से करीब 3-4 घंटे पहले तक खाना खा लेने से इस तरह की कोई समस्या नहीं होती है।
जड़ की जटिलता
आम तौर पर पीठ दर्द एक-दो दिन रहता है। आराम कर लें, तो यह ठीक हो जाता है। मगर कभी-कभी यह एक हफ्ता या कुछ हफ्ते तक भी बना रह सकता है। कुछ लोगों में पीठ दर्द गंभीर जटिलता का लक्षण हो सकता है। हालांकि गिरने से या पीठ में चोट लगने पर भी दर्द हो सकता है। पीठ दर्द के कारण कई लोग सीधी मुद्रा में खड़े नहीं हो पाते। सामान्य रूप से चलने या झुकने में काफी कठिनाई होती है। कभी-कभी यह दर्द पीठ से होते हुए पैरों के नीचे तक चला जाता है। पीठ में सुन्नपन जैसा भी महसूस होता है। बैठने से भी रीढ़ पर दबाव बढ़ता है। खासतौर से मोटापे के कारण। कुछ लोगों में सुबह बिस्तर से उठते ही पीठ में दर्द महसूस होता है।
पीठ दर्द से कैसे पाएं छुटकारा?
पीठ दर्द एकदम से ठीक नहीं होता है। खुद की देखभाल करें, तो इसे कम किया जा सकता है। अगर पीठ में चोट लग गई हो, तो आराम करना चाहिए। लंबे समय तक बैठे रहने से समस्या हुई है, तो भी आराम की जरूरत होती है। इस दौरान भारी चीजें न उठाएं और न ही अधिक भागदौड़ करें। पीठ की मांसपेशियों में रक्त प्रवाह बेहतर करने के लिए गुनगुने पानी से स्रान फायदेमंद है। ‘हीटिंग पैड’ का इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर पीठ दर्द किसी सूजन के कारण है, तो बर्फ की सिंकाई करें।
मांसपेशियों में जकड़न-ऐठन के कारण दर्द है, तो प्रभावित जगह पर सावधानी से मालिश करने से आराम मिलता है। मांसपेशियों को राहत देने के लिए चिकित्सक दवा दे सकते हैं। दर्द ज्यादा होने पर अधिक व्यायाम से बचना चाहिए। आम तौर पर पीठ दर्द के उपचार के लिए शल्य चिकित्सा की जरूरत नहीं पड़ती है। यह अंतिम उपाय है, खासतौर से तब जब रीढ़ में कोई गंभीर समस्या हो। दर्दनिवारक दवाएं चिकित्सीय परामर्श से ही लेनी चाहिए।
आहार में बदलाव
पीठ दर्द की समस्या आहार से भी जुड़ी है। इसलिए इसमें बदलाव लाना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थों से वात की समस्या भी पीठ दर्द की वजह बन जाती है। ऐसे में उच्च फाइबरयुक्त आहार से यथासंभव बचना चाहिए। मसूर और उड़द की दाल का इस्तेमाल रोक दें। ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। सुपाच्य भोजन बनाने के लिए अदरक, लहसुन, हींग, दालचीनी-लौंग का उपयोग करें। हल्का भोजन करें। यथासंभव आराम करें।
Disclaimer: आर्टिकल में लिखी गई सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य जानकारी है। किसी भी प्रकार की समस्या या सवाल के लिए एक्सपर्ट से जरूर परामर्श करें।
