Low blood sodium in adults: अक्सर हम बहुत अधिक नमक खाने से होने वाली बीमारियों के बारे में बात करते हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं? शरीर में सोडियम की कमी होना भी खतरनाक है। शरीर में सोडियम की कमी से कई तरह की बीमारियां भी हो सकती हैं। जब शरीर में द्रव की मात्रा बहुत अधिक या बहुत कम हो जाती है, तो रक्त में सोडियम की मात्रा बहुत कम हो जाती है। इसका दिमाग पर बहुत बुरा असर पड़ता है। रक्त में सोडियम शरीर में बिजली का संचालन करने में मदद करता है, जिससे हम किसी भी कार्य को ठीक से कर सकते हैं। सोडियम एक इलेक्ट्रोलाइट है जो शरीर की हर कोशिका में पानी को नियंत्रित करता है।
सोडियम की कमी को चिकित्सकीय रूप से हाइपोनैट्रीमिया भी कहा जाता है। हाइपोनैट्रीमिया दो प्रकार के होते हैं। पहला जब शरीर के सोडियम का स्तर 48 घंटे या उससे अधिक समय तक गिरता है, तो व्यक्ति को क्रोनिक हाइपोनेट्रेमिया होता है। इस प्रकार के हाइपोनैट्रीमिया के लक्षण आमतौर पर दुर्लभ होते हैं। दूसरा एक्यूट हाइपोनैट्रीमिया, शरीर का सोडियम स्तर अचानक गिर जाने के कारण होता है। इस स्थिति में मस्तिष्क में तेज सूजन होता है, जिसके कारण व्यक्ति कोमा में जा सकता है या उसकी मौत भी हो सकती है। सोडियम नियमित रक्तचाप बनाए रखने में मदद करता है। यह शरीर के तरल पदार्थों को संतुलित करता है और मांसपेशियों और तंत्रिकाओं को सक्रिय करने में मदद करता है। एक वयस्क का सोडियम स्तर 135 और 145 mEq/L के बीच होना चाहिए।
सोडियम की कमी से क्या होता है?
हेल्थ लाइन के मुताबिक जब खून में सोडियम की कमी हो जाती है तो शरीर में पानी की मात्रा बढ़ने लगती है और इससे शरीर में सूजन आ जाती है। इससे कई समस्याएं हो सकती हैं। इतना ही नहीं जान को भी खतरा हो सकता है। सोडियम की गंभीर कमी के कारण व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है। इसका सबसे ज्यादा असर दिमाग पर पड़ता है क्योंकि दिमाग की सूजन से याददाश्त कम होने लगती है और दूसरी मानसिक बीमारियां हो जाती हैं।
सोडियम कमी के लक्षण क्या है?
हाइपोनेट्रेमिया के लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:
- मतली और उल्टी
- लगातार सिरदर्द
- नाराज़ हो जाना
- ऊर्जा की कमी और थकान महसूस करना (हमेशा थकान महसूस करना)
- बेचैनी और चिड़चिड़ापन
- मांसपेशियों में कमजोरी और ऐंठन
- मिर्गी का दौरा
- कोमा में हो जाना
इन लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण भी हो सकते हैं, लेकिन यदि आपके मामले में ऐसे लक्षण नहीं दिखते हैं, यदि आप किसी भी लक्षण के बारे में कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो कृपया अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
सोडियम की कमी को पूरा करें
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, एक वयस्क को प्रतिदिन 5 ग्राम नमक की आवश्यकता होती है। इनमें 2 ग्राम सोडियम होना चाहिए। दोनों कमोबेश खतरनाक हैं। इसके अधिक सेवन से उच्च रक्तचाप की बीमारी होती है। कमी हो तो नमक का सेवन करें। जब रोगी बेहोश होता है, डॉक्टर ड्रिप के माध्यम से रोगी को सोडियम यौगिक देता है, जो नमक की कमी को पूरा करता है। कम खाने से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है। यदि उपरोक्त लक्षण दिखाई देते हैं, तो ऑस्मोलैलिटी रक्त परीक्षण और मूत्र परीक्षण के लिए डॉक्टर से परामर्श लें।
हाइपोनैट्रीमिया का इलाज कैसे किया जाता है?
- कम तरल पदार्थ पीना चाहिए
- डाईयूरेटिक मेडिसिन एडजस्टमेंट लेना
- अंडरलाइंग कंडीशन ट्रीटमेंट होना
गंभीर हाइपोनेट्रेमिया एक आपात स्थिति है। डॉक्टरों को इसका इलाज करने की जरूरत है:
- इंट्रावेनस (Intravenous)(IV) सोडियम सॉल्युशन इंफ्यूजन होने पर
- सिरदर्द, मतली और दौरे जैसे लक्षणों के लिए दवाओं का सेवन करना
- रक्त में सोडियम का स्तर धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए। बहुत तेजी से बढ़ने वाले स्तर गंभीर और अक्सर स्थायी मस्तिष्क क्षति का कारण बन सकते हैं।