Cracked Lips: सर्दियों का मौसम आते ही स्किन संबंधी कई परेशानियां होनी शुरू हो जाती हैं। इस सीजन में नमी की कमी होती है और शुष्की बढ़ जाती है। ऐसे में स्किन का ड्राय होना आम है। फटे होठों की समस्या भी बाकी मौसमों की तुलना में ठंड आते ही बढ़ जाती है। ठंडी हवा और कम नमी के चलते होंठ की स्किन फटने लगती है। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि शरीर के दूसरे हिस्सों के मुकाबले होंठ की त्वचा अधिक पतली और सेंसेटिव होती है। मगर, क्रैक्ड लिप्स की समस्या के पीछे कई अन्य कारण भी हो सकते हैं जो सेहत को प्रभावित करते हैं। ऐसे में इसे हल्के में लेने की भूल नहीं करनी चाहिए। आइए जानते हैं होंठ फटने के दूसरे कारण –

पोषक तत्वों की कमी: चिकित्सीय शब्दावली में फटे होंठ की परेशानी को एंगुलर चेलाइटिस कहा जाता है। ये परेशानी शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी की ओर भी संकेत करती है। ज़िंक, विटामिन बी और आयरन की कमी के कारण होंठ अधिक फटने लगते हैं। ऐसे में इनकी कमी को पूरा करना जरूरी है।

डिहाइड्रेशन: शरीर में पानी की कमी होने की स्थिति को डिहाइड्रेशन कहते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार जिन लोगों के शरीर में पानी कम होता है, उनकी स्किन भी इससे प्रभावित होती है। अगर आप कम पानी पीयेंगे तो मुंह भी सूखा रहेगा जिससे फटे होंठ की समस्या बढ़ जाती है।

ये आम गलतियां: डेली रूटीन में शामिल कुछ आम आदतें भी होंठ फटने के लिए जिम्मेदार होती हैं। वैसे लोग जो अपने होंठ चबाते हैं या बार-बार उन पर जीभ लगाते हैं, उन्हें भी एंगुलर चेलाइटिस की परेशानी हो सकती है। इसके अलावा, होंठ पर बेकार क्वालिटी के ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल भी इस समस्या को बढ़ा सकता है।

बढ़ जाती हैं ये परेशानियां: फटे होंठ कई बार बेहद कष्टदायी भी होते हैं। गंभीर होने पर इनसे खून निकलना व घाव तक की नौबत आ सकती है। इसके कुछ लक्षण जो बेहद आम हैं – होंठ लाल होना, स्वेलिंग, जलन और दर्द शामिल हैं।

ऐसे पाएं निजात: इस समस्या से बचने के लिए बैलेंस्ड डाइट लेना जरूरी है। साथ ही, खूब पानी पीयें। होंठ का हर समय मॉइश्चराइज रहना भी आवश्यक है, ऐसे में सोते समय व उठने के बाद पेट्रोलियम जेली, नारियल तेल या फिर मलाई को होंठ पर लगाएं। इसके अलावा, अगर समस्या ठीक न हो तो डॉक्टर से विमर्श करें।