किडनी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। किडनी शरीर में पोटेशियम, नमक के लेवल को संतुलित करने में मदद करती है। इसके साथ ही इसका सबसे जरुरी काम लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करना होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यदि किसी कारणवश व्यक्ति की एक किडनी खराब हो गई है तो इंसान एक किडनी के सहारे साधारण जिंदगी बिता सकता है। उसे स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखने की आवश्यकता रहती है।

बता दें कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किडनी शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालती हैं। इसके साथ ही किडनी रक्त से विषाक्त पदार्थ निकालने , शरीर में फ्लूइड की मात्रा संतुलित रखने और यूरिन बनाने में मदद करती है। ऐसे में किडनी की सेहत का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है जितना जरूरी दिल या दिमाग की सेहत को बनाए रखना है।

वहीं आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में ह्यूमन ऑर्गन ट्रांसप्लांट एक्ट 1994 के मुताबिक, किडनी बेचना गैर जमानती अपराध है। एक्ट के अनुसार, किडनी सिर्फ ब्लड रिलेशन में ही डोनेट की जा सकती है। किडनी खराब होने पर पीठ के निचले हिस्से में दर्द, शरीर में दर्द, खुजली, और पैरों में ऐंठन किडनी की बीमारियों की सामान्य शिकायतें हैं।

किडनी खराब होने के शुरुआती लक्षण क्या है?

​भूख में कमी आना शरीर में विषाक्त पदार्थों और वेस्ट का संचय भी आपकी भूख को कम कर सकता है, जिससे वजन घटने लगता है। टखने और पैरों में सूजन हो जाती है। ​त्वचा में सूखापन और खुजली की समस्या आने लगती है। इसके अलावा ​कमजोरी और थकान महसूस होने के साथ बार-बार पेशाब आने की भी समस्या होती है।

किडनी को मजबूत करने के लिए क्या खाएं?

किडनी का मुख्य कार्य रक्त शोधन करना है। इसके इसका स्वस्थ होना बेहद जरूरी है। किडनी को मजबूत बनाने के लिए व्यक्ति को लाल शिमला मिर्च खाना चाहिए, फूलगोभी का सेवन भी किडनी के लिए भी फायदेमंद है। अपनी डाइट में प्याज को शामिल करें, खूब स्ट्रॉबेरी खाएं और अंडा खाते हैं तो अंडे का सफेद भाग खाएं।

किडनी की जांच कैसे करवाएं?

किडनी के कई रोगों के निदान के लिए किडनी बायोप्सी अतिआवश्यक जांच है। किडनी की स्थिति का पता लगाने के लिए अल्ट्रासाउंड या सी. टी. स्कैन किया जाता है। जिससे किडनी की बायोप्सी के लिए सही जगह निर्धारित की जा सकती है जहां से सुई अंदर डाली जा सके।

क्या किडनी रोगी दूध पी सकता है?

प्रोटीन मुख्यतः दूध, दलहन, अनाज, अण्डा, मुर्गी में ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। जब डायालिसिस की जरूरत नहीं हो, उस अवस्था के किडनी फेल्योर के मरीजों को थोड़ा कम प्रोटीन (0.8 ग्राम/किलोग्राम शरीर के वजन के बराबर) लेने की सलाह दी जाती है। इसलिए किडनी के मरीजों को डेयरी उत्पादों से बचना चाहिए।

लिवर और किडनी में क्या अंतर है?

किडनी एक मूत्र प्रणाली अंग होता हैं जबकि लिवर एक पाचन तंत्र होता हैं। किसी भी वयक्ति के शरीर में दो किडनी और एक लिवर होता हैं। किडनी कुछ भी स्टोर नहीं करती हैं जबकि लिवर गुलकोज और फैट को स्टोर करता हैं। किडनी हजारो छोटी इकाइयों से बना जटिल अंग हैं जिसे नेफरेन कहा जाता हैं।

किडनी डैमेज होने पर क्या करें?

नियमित व्यायाम करें, दो से तीन लीटर लिक्विड और हैल्दी डाइट लें, दर्द निवारक दवा डॉक्टर की सलाह से ही लें। स्मोकिंग न करें। ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर नियंत्रित रखें। क्रॉनिक समस्या में किडनी ट्रांसप्लांट या डायलिसिस से उपचार किया जाता है।