खानपान में लापरवाही और सेहत पर ध्यान न देने के कारण डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ रहा है। बता दें कि जब पैन्क्रियाज में इंसुलिन की कमी होने लगती है तो खून में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है और इसी समस्या के चलते डायबिटीज की बीमारी हो जाती है। डायबिटीज के मुख्य रूप से 3 प्रकार होते हैं, जिसमें टाइप-1 डायबिटीज-2 डायबिटीज व जेस्टेशनल डायबिटीज शामिल हैं।

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या में लगातर इजाफा हो रहा है। साथ ही टाइप-2 डायबिटीज के कारण मरीजों में अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ रहा है। जिसमें डायबिटिक किडनी डिजीज भी शामिल है। आइए जानते हैं क्या है डायबिटिक किडनी की बीमारी और इसके लक्षण व उपचार।

क्या है डायबिटिक किडनी डिजीज? (What is diabetic kidney disease)

लंबे समय से ग्लूकोस लेवल बढ़ने के कारण डायबिटिक किडनी डिजीज होती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार 40 प्रतिशत टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित मरीजों व 30 प्रतिशत टाइप-1 मरीजों में डायबिटिक किडनी डिजीज होने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा लगातार ग्लूकोस लेवल बढने के कारण किडनी वेसल्स को नुकसान पहुंचता है और किडनी भी कमजोर होने लगती है। जिस कारण किडनी बॉडी से वेस्ट को बाहर नहीं निकाल पाती है और इन्हीं कारणों के चलते डायबिटिक किडनी डिजीज की समस्या होने लगती है।

डायबिटिक किडनी से होने वाली परेशानियां (Problems that arise because of the diabetic kidney )

बता दें कि डायबिटिक किडनी डिजीज के चलते अन्य कई परेशानियों का जोखिम भी बढ़ जाता है। जिसमें किडनी का कमजोर होना, किडनी का वेस्ट को अच्छे से फिल्टर न कर पाना, किडनी में सूजन आना आदि समस्याएं शामिल हैं।

ऐसे करें बचाव (Tips to reduce the risk of the diabetic kidney )

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखें ।

रक्त में ग्लूकोस की मात्रा बढने न दें।

कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढने न दें।

हेल्दी डाइट फॉलो करें।

तनाव कम लें ।

एक्सरसाइज करें।