कैंसर तेजी से फैलने वाली बीमारी बनती जा रही है। कैंसर में भी पैंक्रियाटिक कैंसर दुनिया के सबसे कॉमन कैंसर में से एक है। ये कैंसर पेट के निचले हिस्से के पीछे वाले अंग में होता है। ये काफी खतरनाक कैंसर है जिसके लक्षणों का पता शुरूआत में नहीं लग पाता है। अक्सर कैंसर की बीमारी में मरीज का वजन कम होता है लेकिन इस बीमारी में पेट में दर्द नहीं होता और वजन भी कम नहीं होता,इसलिए लक्षणों की पहचान शुरुआत में करना मुश्किल काम होता है। दुनिया में होने वाली मौतों में पैंक्रियाटिक कैंसर चौथा सबसे बड़ा कारण है। वर्ल्ड कैंसर रिसर्च फंड इंटरनेशनल के अनुसार यह पुरुषों और महिलाओं में होने वाला सबसे खतरनाक कैंसर है। इस कैंसर से पीड़ित मरीज 1 से 5 साल तक जिंदा रहते हैं।
पैंक्रियाटिक कैंसर तब होता है जब पैंक्रियाज में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं। प्राइमरी हेल्थ केयर साइंस की रिसर्च के Nuffield Department के डॉ विकी लियाओ के अनुसार पैंक्रियाटिक कैंसर की शुरुआत में बॉडी में इसके दो लक्षण दिखने लगते हैं। ये दोनों लक्षण कैंसर की बीमारी का डायगनोज करने से एक साल पहले से ही दिखने लगते हैं। आइए जानते हैं कि पैंक्रियाटिक कैंसर के रिसर्च में कौन से दो लक्षण सामने आए हैं।
पैंक्रियाटिक कैंसर के शुरूआती दो लक्षण:
पैंक्रियाटिक कैंसर के बॉडी में पनपने के बाद बॉडी में इसके दो लक्षण दिखने लगते हैं। बहुत अधिक प्यास लगना और यूरीन का पीला आना पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षणों में शामिल है। हफ़िंगटन पोस्ट ने प्राइमरी हेल्थ केयर साइंसेज के Nuffield Department के एक अध्ययन का हवाला देते हुए रिपोर्ट दी है। पैंक्रियाटिक कैंसर का पता लगाने के लिए विशेषज्ञ इन दोनों लक्षणों को काफी महत्यपूर्ण बताते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक हालांकि जरूरी नहीं है कि ये दोनों लक्षण पैंक्रियाटिक कैंसर के ही हो।
ये दो लक्षण दिखने पर मरीज के लिए जरूरी हैं सतर्कता:
एक्सपर्ट के मुताबिक इन दो लक्षणों को समझकर मरीजों को तत्काल जांच के लिए आसानी से रेफर किया जा सकता है। डॉ विकी लियाओ के अनुसार ये लक्षण चिकित्सकों और डॉक्टरों को तत्काल परीक्षणों के लिए रोगियों को जल्दी से रेफर करने में मदद कर सकते हैं। इन लक्षणों का पता लगाना रोगियों के लिए भी मददगार हो सकता है।
लोग अक्सर इन संकेतों को कुछ कम गंभीर समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। ICMR की रिपोर्ट डायबिटीज और पैंक्रियाज के कैंसर के बारे में बताती है। डायबिटीज भी पैंक्रियाटिक कैंसर का एक लक्षण है। पैंक्रियाज में कैंसर की वृद्धि शरीर को इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी बना सकती है।