अमूमन सभी जानते हैं कि डायबिटीज दो तरह की होती है, टाइप-1 और टाइप-2। हालांकि बहुत कम लोगों को पता है कि इस बीमारी की एक और कैटेगरी है, जिसे टाइप- 1.5 डायबिटीज के नाम से जाना जाता है। इसे लाडा यानी लेटैंट ऑटोइम्यून डायबिटीज इन एडल्ट्स के नाम से भी जाना जाता है। कई हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक ये डायबिटीज टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज से ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है।

कई शोधकर्ताओं का मानना ​​​​है कि LADA, यानी टाइप 1.5 मधुमेह, डायबिटीज टाइप 1 का ही एक घटक (सब-टाइप) है। हालांकि कुछ विशेषज्ञ इसे अलग नहीं मानते हैं। टाइप 1 डायबिटीज की तरह, टाइप 1.5 डायबिटीज में भी आपके पैंक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करना बंद कर देते हैं।

कुछ डॉक्टर टाइप 1.5 डायबिटीज को, टाइप 1 और टाइप 2 से भी खतरनाक मानते हैं। आइए जानते हैं कि ये बीमारी क्या है और इसके लक्षण कौन-कौन से हैं।

टाइप 1.5 मधुमेह का क्या कारण है?

आमतौर पर एंटीबॉडी ही हमारे इम्यून सिस्टम की हिफाज़त करती है, लेकिन टाइप 1.5 डायबिटीज में हमारी खुद की एंटीबॉडी इंसुलिन-उत्पादक कोशिकाओं को नष्ट करना शुरू कर देती हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि टाइप 1.5 डायबिटीज काफी हद तक अनुवांशिक तौर पर होने वाली बीमारी है। जिन लोगों को ऑटो इम्यून डिसऑर्डर की फैमिली हिस्ट्री है, उन्हें ये बीमारी हो सकती है। इसके अलावा मोटापा या अधिक वजन होना, वायरल संक्रमण और तनाव जैसे कारकों को भी टाइप 1.5 डायबिटीज के लिए जिम्मेदार माना जाता है।

टाइप 1.5 डायबिटीज के लक्षण कौन-कौन से हैं?

टाइप 1.5 डायबिटीज के लक्षण टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज से काफी हद तक मिलते-जुलते हैं। मसलन- बहुत अधिक प्यास लगना, बहुत अधिक पेशाब आना, आंखों से धुंधला दिखाई देना, अचानक वजन का कम होना आदि। विशेषज्ञ कहते हैं कि कई बार लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं, ऐसे में समस्या बढ़ सकती है। ऐसे में समय रहते डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।