कोरोना के बाद मंकी पॉक्स (Monkeypox Virus) ने लोगों को परेशान करना शुरू कर दिया है। कोविड के बीच दुनिया के तमाम देशों में मंकीपॉक्स वायरस भी तेजी से फैल रहा है। WHO के मुताबिक इस वायरस के अब तक 12 देशों में 92 मामले सामने आ चुके हैं। यूरोप से लेकर अमेरिका जैसे देश इससे जूझ रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबकि इस बीमारी की चपेट में आने वाले 10 में से एक शख्स को मौत का खतरा हो सकता है। मंकीपॉक्स और चेचक के लक्षण लगभग एक जैसे हैं इसलिए माना जा रहा है कि Monkeypox Virus पर चेचक की वैक्सीन असरदार साबित होगी। हालांकि ये अभी पुष्ट नहीं हो सका है।

कैसे पड़ा Monkeypox नाम? मंकीपॉक्स एक ऐसा वायरस है जिसका सबसे पहले मामला 1970 में सामने आया था। इस बीमारी की शुरुआत बंदरों से हुई थी इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स पड़ा था। मंकीपॉक्स की चपेट में आने से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले उसके लक्षणों को पहचानें। आइए जानते हैं कि मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण कौन-कौन से हैं? ये वायरस कैसे फैलता है? इससे कैसे बचाव किया जाए।

मंकीपॉक्स के लक्षण:

  • बुखार होना
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • पीठ दर्द होना
  • लिम्फ नोड (लसीका ग्रंथियां) में सूजन आना
  • ठंड लगना
  • थकान होना।

कितने दिनों में ये वायरस फैलता है: बुखार आने के 1 से 3 दिनों के अंदर मरीज की बॉडी पर दाने आने लगते हैं। ये दाने अक्सर चेहरे पर शुरू होते हैं और फिर पूरी बॉडी में फैलने लगते हैं। मंकीपॉक्स की बीमारी आमतौर पर 2-4 सप्ताह तक रहती है। समय के साथ ये परेशानी ठीक भी हो जाती है।

मंकीपॉक्स कैसे फैलता है: WHO के मुताबिक मंकीपॉक्स कोरोनावायरस की तरह आसानी से नहीं फैलता। ये बीमारी संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने या उसकी किसी चीज का सेवन करने से फैलती है। ये वायरस स्किन, आंखों, नाक और मुंह के जरिए बॉडी में प्रवेश करता है।

मंकीपॉक्स संक्रमण से बचाव कैसे करें: इस संक्रमण से बचाव करने के लिए आप सतर्क रहें। ये बीमारी जानवरों का मांस खाने से भी फैलती हैं इसलिए मांसाहारी लोग मांस से परहेज करें। इस बीमारी के लक्षण चेचक के लक्षणों से मिलते हुए है। ऐसे में ऐसा लक्षण दिखते ही सावधान हो जाए। लक्षणों को नजरंदाज या घरेलू उपचार की जगह तत्काल डॉक्टर से संपर्क करें।