फाइब्रोमायल्जिया एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों को शरीर के किसी एक हिस्से में नहीं बल्कि पुरे शरीर में अहसहनीय दर्द होता है। दर्द की समस्या के चलते इस बीमारी के कारण हड्डियों व मांसपेशियों में कमजोरी होने लगती है और जिस कारण दर्द की समस्या अधिक बढ़ जाती है। बता दें कि इस बीमारी से जुड़े आंकड़ें बताते हैं कि पुरुषों के मुकाबले 7 गुना ज्यादा महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित हैं। इसके अलावा मांसपेशियों में कमजोरी व गंभीर दर्द के कारण इस रोग से पीड़ित मरीजों की मानसिक स्थिति भी प्रभावित होती है।
वहीं बात अगर फाइब्रोमायल्जिया के कारणों की जाए तो इस गंभीर बीमारी के होने के कई कारण माने जाते हैं। जिसमें सक्रंमण होने से व इमोशनल और फिजिकल स्ट्रेस आदि। बता दें कि अभी इस बीमारी का कोई पुख्ता इलाज नहीं है लेकिन हम आपको खानपान से जुड़ी कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताएंगे जिनका सेवन करने से आप इस बीमारी में होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं।आइए जानते हैं खानपान से जुड़ी ऐसी ही कुछ चीजों के बारे में-
फाइब्रोमायल्जिया में नजर आने वाले लक्षण (Symptoms of fibromyalgia)
- सोने में परेशानी होना
- पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
- तनाव व एंग्जायटी होना
- शरीर में अहसहनीय दर्द होना
- किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित न कर पाना
इन चीजों का करें सेवन (Foods that reduce the risk of fibromyalgia)
फलों व सब्जियों का सेवन करें : हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार जिन लोगों को फाइब्रोमायल्जिया की समस्या होती है उन्हें अपने खानपान का खास ख्याल रखना चाहिए। इस बीमारी से पीड़ित मरीजों को रोजाना ताजे फलों व सब्जियों का सेवन करना चाहिए। दरअसल फलों व सब्जियों में कैल्शियम और प्रोटीन की भरपूर मात्रा पायी जाती है। जो कि दर्द को कम करने में सहायक साबित होता है।
साबुत अनाज का सेवन करें : जिन साबुत अनाज में फाइबर और विटामिन की मात्रा पायी जाती हैं, उनका सेवन करना फाइब्रोमायल्जिया जैसी गंभीर बीमारी में बहुत लाभकारी माना जाता है। ऐसे अनाज का सेवन करने से न केवल दर्द की समस्या कम होती है बल्कि हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती भी मिलती है।
कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स : फाइब्रोमायल्जिया में मरीजों को अपने खानपान के साथ वजन का भी ध्यान रखने की जरूरत होती है। इसलिए इस रोग से पीड़ित मरीजों को कम फैट वाले डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन करना चाहिए ताकि मरीजों का वजन नियंत्रित रहे और दर्द भी कम हो।
बता दें कि फाइब्रोमाल्जिया मस्तिष्क में नसों और दर्द संकेतों के साथ समस्याओं के कारण हो सकता है। फाइब्रोमायल्जिया की तुलना गठिया से की गई है। गठिया की तरह, फाइब्रोमायल्जिया दर्द और थकान का कारण बनता है, लेकिन गठिया के विपरीत, फाइब्रोमायल्जिया जोड़ों में लालिमा और सूजन या क्षति का कारण नहीं बनता है। यह रोग नींद की कमी का कारण भी बन सकता है। इस समस्या से निपटने की हताशा अवसाद और चिंता का कारण बन सकती है।