कब्ज (Constipation) तब होता है जब आंतों की सही तरीके से सफाई नहीं हो पाती और मल लंबे समय तक बड़ी आंत में जमा रहता है। जिन लोगों को कब्ज होता है उनकी आंतों से मल पूरी तरह से बाहर नहीं निकलता। यह मल बड़ी आंत में जमा हो जाता है और सख्त हो जाता है। लंबे समय तक मल के आंतों में जमा होने से हानिकारक बैक्टीरिया और टॉक्सिन्स आंतों की दीवारों पर चिपक जाते हैं और आंतों को नुकसान पहुंचाते हैं। आंतों में जमा इन टॉक्सिन से पेट में सूजन, गैस, सिरदर्द और स्किन से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। कब्ज के कारण आंतों की मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है,जिससे उनका कामकाज बाधित होता है। कब्ज की बीमारी डाइट में फाइबर रिच फूड की कमी और पानी का कम सेवन करने से होती है। पानी और फाइबर की कमी होने से मल सख्त हो जाता है और आंतों में जमा होने लगता है।
अगर आप कब्ज से परेशान हैं तो डाइट में फाइबर रिच फूड का सेवन करें और कुछ देसी नुस्खों को भी अपनाएं। आयुर्वेद में कई ऐसी जादुई जड़ी बूटियां है जो मल को सॉफ्ट करती हैं और पुरानी से पुरानी कब्ज को तोड़ती है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट आचार्य बालकृष्ण ने बताया कब्ज से परेशान हैं तो आप आयुर्वेदिक जड़ी बूटी त्रिफला का सेवन करें।
त्रिफला आयुर्वेद में एक बहुत ही प्रसिद्ध और असरदार जड़ी बूटी है जो तीन फलों से मिलकर बनती है। इसमें आंवला, हरड़ और बहेड़ा मौजूद होता है जो बॉडी को डिटॉक्स करता है। इस जड़ी बूटी का सेवन करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है और पाचन में सुधार होता है। ये जड़ी बूटी कब्ज, गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याओं को दूर करती है। आइए जानते हैं कि त्रिफला कैसे कब्ज को दूर करता है और इसका सेवन किस तरह करें कि आंतों की सफाई हो जाए और पाचन दुरुस्त रहे।
त्रिफला कैसे आंतों को साफ करता है।
त्रिफला आंतों की सफाई के लिए एक बेहद अत्यधिक प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय है। यह तीन हर्ब मिलकर आंतों की नेचुरल तरीके से सफाई करते हैं। ये हर्ब पाचन को दुरुस्त करता है। विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर ये हर्ब इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। इसका सेवन करने से बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं। ये हर्ब पेट की कब्ज, गैस, अपच और एसिडिटी की समस्या को दूर करती है और आंतों की सफाई करती है। इसका सेवन खास तरीके से किया जाए तो मल त्याग को नियमित किया जा सकता है।
जिन लोगों को पुराना कब्ज है अगर वो मिट्टी के बर्तन में दो गिलास पानी मिलाकर उसमें 1 चम्मच त्रिफला यानी 5-10 ग्राम त्रिफला को मिलाएं। सुबह इस पानी को उबाल लें। जब पानी आधा रह जाए तो उसे गुनगुना पी लें। जिन लोगों को पित्त की परेशानी है वो बिना उबाले भी इस पानी का सेवन कर सकते हैं। त्रिफला आंतों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और उन्हें सक्रिय करता है।
त्रिफला के पानी के फायदे
- जिन लोगों की ब्लड शुगर हाई रहती है वो रोजाना त्रिफला के पानी का सेवन करें। ये पानी नेचुरल तरीके से ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल करता है।
- जिन लोगों को आंखों से जुड़ी समस्या है वो त्रिफला के पानी से आंखों को नितारें। इस पानी से आंखों को वॉश करने से फायदा होगा।
- जिन लोगों को हेयर फॉल होता है अगर वो त्रिफला के पानी से सिर की मसाज करें तो इस परेशानी से निजात मिलेगी।
- त्रिफला में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं जो सूजन और जलन को कंट्रोल करते हैं। इसका सेवन करने से जोड़ों का दर्द और गठिया का इलाज होता है।
- इस जड़ी बूटी का सेवन करने से आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा मिलता है। ये जड़ी बूटी पेट के संक्रमण को रोकती है।
क्या मूली का सेवन घी के साथ करने से पेट में गैस नहीं बनती? इस सब्जी को पत्तों के साथ खाएं तो सेहत पर कैसा होता है असर, एक्सपर्ट से मिली जानकारी हासिल करने के लिए लिंक पर क्लिक करें।