अक्सर ऐसा होता है कि हमें चलते-फिरते कई तरह की छोटी-छोटी चोट लग जाती है जो बहुत ज्यादा तकलीफ देती हैं। कई बार ऐसा होता है कि चलते-चलते हमारा पैर फिसल जाता है और चोट लग जाती है। चोट लगने पर खून निकल जाए तो हम लोग फौरन उस जगह पर दवा लगाकर पट्टी बांध देते हैं। लेकिन कुछ चोट ऐसी लगती हैं जिसमें खून नहीं निकलता लेकिन वो हिस्सा नीला या पीला पड़ जाता है और उस हिस्से में सूजन हो जाती है। सूजन और दर्द से राहत पाने के लिए अक्सर हम लोग गर्म पानी की बोतल से सिकाई करते हैं।

बचपन से हमने घर में देखा है कि दर्द और सूजन को दूर करने के लिए हमारे पेरेंट्स हॉट वाटर बैग्स का इस्तेमाल करते थे। आप जानते हैं कि सूजन वाली जगह पर गर्म पानी से सिकाई करने से उस जगह पर ब्लड क्लॉथ बढ़ जाता है, इसका मतलब है कि उस जगह पर खून के थक्के जम जाते हैं। खून का थक्का बनने से चोट वाली जगह की सूजन कम होने के बजाय और बढ़ जाती है। अब सवाल ये उठता है कि आखिर ये कैसे पहचानें कि किस तरह की चोट पर किस तरह की सिकाई करना चाहिए।

ठंडी बर्फ की सिकाई कब करनी चाहिए?

आकाश हेल्थकेयर में एचओडी,फिजियोथेरेपी डॉ. मीनाक्षी फुलारा ने बताया कि हम ठंडी सिकाई जिस हिस्से पर करते हैं उस हिस्से में खून का बहाव थोड़ी देर के लिए रूक जाता है। फिर कुछ देर बाद तेजी से खून का बहाव बढ़ता है जिससे पंपिंग एक्शन बढ़ जाता है और उस हिससे में होने वाली जलन,दर्द और सूजन कम हो जाती है। ठंडी सिकाई करने से उस हिस्से में होने वाला दर्द खत्म हो जाता है।

कितनी बार करनी चाहिए ठंडी सिकाई

अगर आपको कुछ एक्यूट इंजरी होती है या अचानक से चोट लगती है जैसे चलते-चलते गिर गए हैं, खेलते हुए घुटने में चोट लगी है, भागते हुए पैर मुड़ गया, गर्दन में स्प्रेन या स्ट्रेन हो जाए ऐसी अचानक से लगने वाली चोट पर आप ठंडी सिकाई करें। जोड़ जो ठीक था लेकिन अचानक उस जगह दर्द होने लगे तो आप उस हिस्से की ठंडी सिकाई करें। बॉडी का कोई हिस्सा भारी लगे, छूने पर गर्म महसूस हो और उसमें पानी भरा हुआ लगे तो भी आप ठंडी सिकाई करें।

ठंडी सिकाई कब तक करें

चोट लगने के 48 से 72 घंटे तक आप सिकाई कर सकते हैं। 3-4 घंटे के गैप में आप 10-15 मिनट ठंडी सिकाई करें। आप दिन में 3-4 बार सिकाई करें आपको दर्द से राहत मिलेगी। इन चोट के लगने के 3-4 दिनों बाद आपको गर्म सिकाई करना चाहिए। एक्सपर्ट के मुताबिक गर्म सिकाई करने की सलाह तब तक नहीं दी जाती तब तक वो चोट पूरी तरह ठीक नहीं हो जाती।

गर्म सिकाई कब करना चाहिए

जब भी मांसपेशियों में जकड़न, दर्द, जोड़ों में दर्द और जकड़न रहती है तो आप गर्म पानी से सिकाई करें। सुबह उठकर गर्दन, कमर या कूल्हों में जकड़न महसूस होती है तो आप गर्म सिकाई करें। भागने के बाद पिंडलियों में दर्द होता है तो आप इस स्थिति में गर्म सिकाई करें। आप दिन में दो से तीन बार गर्म सिकाई कर सकते हैं। याद रखें कि 10-15 मिनट से ज्यादा गर्म सिकाई नहीं करें।