किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। किडनी का स्वस्थ रखा जाना बहुत जरूरी है। पिछले सालों में किडनी से संबंधित समस्याओं में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है। भारत में लगभग 7.9 प्रतिशत आबादी क्रोनिक किडनी रोगों से पीड़ित है, जिनमें किडनी में पथरी और मूत्रनली का संक्रमण सबसे आम है।
किडनी की समस्याओं को ‘मूक रोग’ भी कहा जाता है, क्योंकि शुरुआत में इन रोगों के बहुत कम लक्षण दिखाई देते हैं और इन रोगों की पहचान विकसित चरण में ही हो सकती है। मणिपाल हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट, डॉ. दीपक जैन ने बताया कि जब किडनी क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो शरीर का अवशिष्ट तरल शरीर के अंदर इकट्ठा होने लगता है, जिससे अंगों, खासकर टखनों में सूजन आ जाती है।
बता दें कि किडनी की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को कमजोरी के साथ मतली आ सकती है और यदि समय पर इलाज न मिले, तो स्थिति बिगड़ सकती है। स्थिति ज्यादा बिगड़ने पर किडनी काम करना बंद कर सकती है, जो जानलेवा भी हो सकता है।
किडनी को होने वाली क्षति के कुछ आम कारण:
- किडनी में पर्याप्त खून प्रवाहित न हो पाना।
- पेशाब इकट्ठा हो जाना।
- किडनी को आंतरिक या बाहरी क्षति।
- पथरी का बन जाना।
- डिहाईड्रेशन, जिसके कारण पेशियों के टिश्यू टूट जाते हैं
- प्रोस्टेट का बढ़ जाना
- ऑटोइम्यून रोग
- सेप्सिस का संक्रमण
किडनी के खराब होने के लक्षण क्या हैं?
डॉक्टर दीपक के अनुसार किडनी की क्षति को पूरी तरह से टालना असंभव है क्योंकि इसके लक्षणों की पहचान करना आसान नहीं है, लेकिन फिर भी जोखिमों के प्रति सतर्क रहा जा सकता है। किडनी की क्षति का सबसे आम लक्षण पीठ में बार-बार और तेज दर्द होना हो सकता है।
किडनी की बीमारी का संकेत देने वाले अन्य लक्षण:
- पेशाब में खून आना
- झाग
- पेशाब करते वक्त जलन होना
- बार-बार बुखार या मतली होना
- भूख न लगना
- लगातार ऐंठन होना
- उल्टी
- जल्दी-जल्दी तेज पेशाब लगना
- नींद आने में मुश्किल होना
- हाई ब्लड प्रेशर</li>
किडनी खराब होने पर इलाज क्या है?
डॉक्टर दीपक जैन ने बताया कि किडनी का रोग किसी को भी हो सकता है और इसका कोई निश्चित पैटर्न नहीं है, लेकिन फिर भी मामले के प्रकार के आधार पर इलाज के अनेक विकल्प उपलब्ध हैं। इन इलाजों का उद्देश्य समय पर लक्षणों की पहचान करना, बीमारी के बढ़ने की दर को कम करना, और इसके नुकसानों को कम करना है। उचित इलाज के साथ किडनी की क्षति की सही समय पर पहचान करना और सही इलाज शुरू करना संभव है। हालांकि, किडनी की बीमारी से बचने के लिए सेहतमंद जीवनशैली और संतुलित आहार का पालन करना चाहिए।
डॉक्टर जैन के मुताबिक किडनी की बीमारी के कारणों को सही समय पर पहचान करने के कारण एवं उनका सही समय पर इलाज करने से किडनी को डैमेज होने से बचाया जा सकता है। किन्तु यदि किडनी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाये तो किडनी की क्षति के लिए इलाज के कुछ आम विकल्पों में शामिल हैं:
डायलिसिस: जब किडनी काम करना बंद कर देती हैं, तो इस इलाज द्वारा खराब या अतिरिक्त लिक्विड को डायलिसिस मशीन की मदद से शरीर से बाहर निकाला जाता है।
किडनी का प्रत्यारोपण: इस प्रक्रिया में डोनर द्वारा दिए गए किडनी को मरीज के शरीर में लगाया जाता है। इस सर्जरी से पहले, अनेक प्रक्रियाओं द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि मरीज का शरीर नई किडनी को अस्वीकार न कर दे।