Tips for Healthy Lungs: आमतौर पर ऐसा कहा जाता है कि जिन लोगों को सामान्य गतिविधियों को करते वक्त सांस लेने में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होती है या फिर चलने-फिरने के दौरान सांस फूलने की शिकायत नहीं होती है तो इसका मतलब है कि उनके फेफड़े स्वस्थ और मजबूत हैं। लेकिन कई बार प्रदूषण, धूल-मिट्टी, धूम्रपान या फिर गलत खानपान के कारण लंग्स कमजोर हो जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना की दूसरी वेव संक्रमितों के फेफड़ों पर ही प्रहार करता है। ऐसे में इनका मजबूत होना जरूरी है। आइए जानते हैं कुछ घरेलू उपाय –

विटामिन्स से भरपूर होनी चाहिए डाइट: हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि विटामिन युक्त फूड्स के सेवन से फेफड़े मजबूत रहते हैं। हेल्दी लंग्स के लिए विटामिन ए, सी, डी और ई की शरीर में पूर्ति जरूरी है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार शरीर में विटामिन-सी और विटामिन-ई की कमी से लोगों में रेस्पिरेटरी डिजीज का खतरा बढ़ता है। वहीं, विटामिन डी शरीर को बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से बचाता है। साथ ही, फ्री रैडिकल्स को नष्ट करता है।

अंडा, गाजर, मटर, मछली, चिकेन विटामिन ए के बेहतरीन स्रोत हैं। वहीं, विटामिन डी से भरपूर होता है मशरूम, दलिया, साबुत अनाज, फैटी फिश, गाय का दूध और दही। विटामिन ई की पूर्ति के लिए बादाम खाएं और खट्टे फलों के जरिये विटामिन सी मिल जाएगा।

मेथी है मददगार: मेथी के दाने फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं, एक्सपर्ट्स मानते हैं कि मेथी की चाय पीने से म्यूकस का ब्रेकडाउन हो जाता है और उसका शरीर से बाहर निकलना आसान हो जाता है। एक चम्मच मेथी दाने को थोड़े से पानी में 4-5 मिनट तक उबालें और फिर इसे छानकर गर्म-गर्म ही पी लें। दिन में 1 से 2 बार इसका सेवन करें।

धूप सेकना भी है जरूरी: धूप को विटामिन डी का नैचुरल सोर्स माना जाता है जो फेफड़ों को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभाता है। ऐसे में धूप सेकना फेफड़ों को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी है। ये शरीर को बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से बचाता है, ऐसे में किसी रोग से जूझने का खतरा कम होता है। इसलिए कम से कम 20 मिनट भी रोजाना धूप सेकने से फेफड़े ज्यादा स्वस्थ रह सकते हैं।

करें प्राणायाम: हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक फेफड़ों को मजबूत रखने के लिए प्राणायाम से बेहतर कोई उपाय नहीं है। बताया जाता है कि प्राणायाम की खोज ही फेफड़ों और श्वसन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए हुई थी। सबसे पहले जमीन पर पीठ सीधी करके बैठ जाइए। अब अपने आंखों को बंद करें और हाथों को ज्ञान मुद्रा में ले आएं। फिर अपने नाक से बाहर की वायु को धीरे-धीरे खींचें और पेट में हवा को भरने दें। इस दौरान आपका पेट और सीना हवा से फूल जाना चाहिए। अब 5 सेकेंड तक सांसों को रोककर रखें और फिर धीरे-धीरे बाहर छोड़ दें। इस क्रिया को दिन में कम से कम 10 बार करें।