यूरिक एसिड एक तरह का केमिकल है, जो बॉडी में प्यूरीन नामक प्रोटीन के ब्रेकडाउन से बनता है। प्यूरीन शरीर में मौजूद सेल्स और कुछ खाद्य पदार्थों से मिलकर बनता है। यूरिक एसिड शरीर के लिए बेस्ट प्रोडक्ट है, जोकि किडनी द्वारा फिल्टर होने के बाद फ्लश आउट हो जाता है। शुरुआत में तो यूरिक एसिड के कोई लक्षण नजर नहीं आते, लेकिन जब बॉडी में इसकी मात्रा बढ़ने लगती है तो पैरों में अकड़न, जोड़ों में दर्द, सूजन और लालिमा जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
यूरिक एसिड के लक्षण: खून में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से यह क्रिस्टल्स के रूप में टूटकर हड्डियों के बीच इक्ट्ठा होने लगता है। इसके कारण जोड़ों में दर्द, उंगलियों में सूजन, गांठों में दर्द, उठने-बैठने में तकलीफ, पैरों और हाथों की उंगलियों में चुभन वाला दर्द और तनाव जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
यूरिक एसिड रेंज: हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो महिलाओं और पुरुषों के शरीर में यूरिक एसिड का लेवल अलग-अलग होता है। जहां पुरुषों में सामान्य स्तर 2.5 से लेकर 7.0 mg/dl के बीच होता है। लेकिन अगर यह स्तर 7 से ऊपर चला जाए तो इसे हाई यूरिक एसिड कहा जाता है। महिलाओं में यूरिक एसिड का नॉर्मल स्तर 1.5 से 6.0 mg/dl के बीच होता है, अगर यह स्तर 6 से ऊपर चला जाए तो इसे हाई यूरिक एसिड माना जाता है।
मेडिकल टर्म में हाई यूरिक एसिड को हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है। बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने से हार्ट फेलियर, किडनी फेलियर और मल्टीपल ऑर्गन फेलियर का खतरा भी बढ़ जाता है।
हाई यूरिक एसिड के मरीजों को नहीं करना चाहिए इन चीजों का सेवन: हाई यूरिक एसिड के मरीजों को अपने खानपान का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है। इस समस्या से जूझ रहे लोगों को सीफूड, जैसे मछली, झींगा, केकड़ा आदि के सेवन से बचना चाहिए। इसके अलावा अधिक मात्रा में भिंडी, अरबी और राजमा का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
यूरिक एसिड के मरीजों को जंक फूड, सोडा, कोल्ड ड्रिंक, सॉफ्ट ड्रिंक, चाय और कॉफी आदि के सेवन से भी बचना चाहिए। साथ ही उन्हें शराब और सिगरेट से भी दूरी बना लेनी चाहिए।