बरसात के मौसम में जगह-जगह जलजमाव और बाढ़ के कारण पीने के पानी में प्रदूषण की संभावना बढ़ जाती है। नलों से आपूर्ति किए जाने वाले पानी में हानिकारक बैक्टीरिया के पनपने का खतरा अधिक रहता है। ऐसे में लोगों को पेट की समस्या पैदा हो जाती है। इस मौसम में पेट संबंधी समस्याओं में दस्त यानी डायरिया सबसे आम समस्या है। खासकर बच्चों में यह समस्या अधिक देखी जाती है। यह पाचन तंत्र से संबंधित एक विकार है, जिसमें मरीज को पतला मल आता है। मुख्य रूप से यह समस्या रोटावायरस के कारण होती है, लेकिन कुछ मामलों में साल्मोनेला या ई. कोलाई जैसे जीवाणु भी इसका कारण बन सकते हैं।
कारण
डायरिया का सबसे बड़ा कारण एक वायरस है, जो आंतों पर बुरा प्रभाव डालता है। इसे आंतों का फ्लू भी कहते हैं। डायरिया के दूसरे भी कारण हो सकते हैं जैसे: संक्रमण होना, खानपान में एहतियात न बरतना, किसी दवा का दुष्प्रभाव होना, खानपान की चीजों से तकलीफ, वायरल संक्रमण होना, फूड प्वाइजनिंग होना, गंदगी के कारण।
लक्षण
डायरिया के मुख्य लक्षण होते हैं: पतला मल आना, मतली आना, पेट में दर्द और सूजन होना, शरीर में पानी की कमी होना, बार-बार बुखार आना, मल के साथ खून आना, बदहजमी की शिकायत होना, भूख में कमी आना, पेट में ऐंठन होना, कभी-कभी मतली के साथ उल्टी होना।
रोकथाम
डायरिया की रोकथाम के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जैसे: शुद्ध पानी पीएं, अच्छी तरह पका हुआ खाना खाएं, ताजा पके हुए गर्म खाने का सेवन करें, कच्चे भोजन का सेवन करने से बचें; चाय, काफी, सोडा, चाकलेट आदि के सेवन से बचें; बार-बार हाथ धोएं और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें; बचे हुए खाने को तुरंत फ्रिज में रख दें।
डायरिया होने पर अधिक फाइबर, मसालेदार, तैलीय और मीठी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। अधिक से अधिक ओआरएस घोल लेना चाहिए। ओआरएस बनाने के लिए छह चम्मच चीनी, एक चम्मच नमक को एक लीटर उबले हुए पानी में घोलें और रख दें। इसे थोड़ी-थोड़ी देर में पीते रहें। जितनी बार भी आपको दस्त हो, उसके बाद इसका सेवन करें। बाजार में कई तरह के इलेक्ट्रोलाइट पेय उपलब्ध हैं, लेकिन अगर घर में किसी को अचानक डायरिया हो जाए, तो तुरंत इलाज के लिए घर में बना ओआरएस लाभकारी होता है।
इसमें नारियल पानी भी बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना एक गिलास ताजा नारियल पानी पीएं। जिनको हल्के दस्त की शिकायत है, वे नारियल पानी का उपयोग शरीर में पानी के स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए कर सकते हैं।
इसमें चावल का पानी यानी मांड़ भी बहुत फायदेमंद होता है। पके हुए चावल का पानी निथार लें। जब भी आपको दस्त हो, उसके तुरंत बाद आधा गिलास चावल का पानी पीएं। यह उपचार छोटे बच्चों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। आप तीन या इससे ज्यादा बार भी इसका सेवन कर सकते हैं। यह बच्चों में इंफेंटाइल गैस्ट्रोएंटेराइटिस के कारण होने वाले डायरिया को रोकने में मदद कर सकता है।
इसमें शहद भी गुणकारी है। दस्त होने पर आप दिन भर में एक से दो चम्मच शहद का सेवन कर सकते हैं। गर्म पानी में एक से दो चम्मच शहद मिलाकर उसे ठंडा करके पी सकते हैं। शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो गैस्ट्रोएंटेराइटिस के कारण होने वाले डायरिया को कम करने में मदद करते हैं। अगर शहद को ओआरएस के साथ लिया जाए, तो इससे भी बैक्टीरियल डायरिया की अवधि कम हो सकती है।
अदरक का सेवन भी इस समस्या से राहत दिलाता है। एक कप पानी में एक इंच के दो अदरक के टुकड़े डालें और उबालें। इसे छानकर पीएं। दिन भर में एक से दो बार इसका सेवन करें। जापान की एक फार्मास्युटिकल सोसायटी के जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, अदरक में मौजूद एसीटोन एक्सट्रैक्ट सेरोटोनिन (मस्तिष्क में प्राकृतिक रूप से बनने वाला केमिकल) से दस्त को रोकने में मदद मिल सकती है। अदरक पेट संबंधी अन्य समस्याओं जैसे- गैस, पेट दर्द, पेट फूलना, सीने में जलन और भूख न लगने से भी राहत दिलाता है। इसमें दही का सेवन भी लाभकारी होता है।
(यह लेख सिर्फ सामान्य जानकारी और जागरूकता के लिए है। उपचार या स्वास्थ्य संबंधी सलाह के लिए विशेषज्ञ की मदद लें।)
