मानसून के महीने में देश भर में बारिश और बाढ़ का सिलसिला जारी है। इस मौसम में बारिश और बाढ़ के पानी का जगह-जगह जमाव होने से डेंगू के मामले बढ़ने का खतरा बढ़ रहा है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस साल 15 जुलाई तक डेंगू के कुल 163 मामले सामने आए हैं, जबकि 2022 में 158 और 2021 में 40 मामले ही देखे गए थे। आंकड़ों के मुताबिक पिछले सप्ताह डेंगू के 39 नए मामले सामने आए है। बरसात के मौसम में डेंगू वायरल से बचाव करना बेहद जरूरी है।

डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो मच्छरों से लोगों में फैलता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार डेंगू बुखार के लक्षणों की बात करें तो सबसे आम लक्षण तेज़ बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, मतली और दाने हैं। डब्ल्यूएचओ ने सुझाव दिया है कि डेंगू का इलाज दवा से किया जाता है नाकि घरेलू नुस्खों से या खुद से किया जाए। जब कोई व्यक्ति डेंगू वायरस से संक्रमित होता है तो प्लेटलेट काउंट में कमी आ जाती है, जो डेंगू बुखार का सबसे महत्वपूर्ण लक्षण है जो बीमारी की गंभीर स्थिति के दौरान देखा जाता है।

विशेषज्ञों के अनुसार डेंगू से पीड़ित अधिकांश लोगों में हल्के या कोई लक्षण नहीं होते हैं और 1-2 सप्ताह में वो ठीक भी हो जाते हैं। अगर डेंगू का समय पर इलाज नहीं किया जाए तो स्थिति गंभीर हो सकती है और मृत्यु का कारण बन सकती है। WHO के अनुसार जो व्यक्ति दूसरी बार संक्रमित होते हैं उन्हें गंभीर डेंगू का खतरा होता है। अक्सर देखा गया है कि लोग डेंगू बुखार होने पर पपीते के पत्तों के जूस से उसका इलाज करने में समय खराब करते हैं और मरीज की स्थिति को गंभीर बना देते हैं। अब सवाल ये उठता है कि क्या पपीते के पत्ते डेंगू का असरदार इलाज हैं? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और पपीते से उसका इलाज करने की सच्चाई के बारे में।

डेंगू के लक्षण

  • तेज़ बुखार,भयंकर सरदर्द,
  • आंखों के पीछे दर्द
  • मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द
  • जी मिचलाना
  • उल्टी करना
  • सूजन और स्किन पर खरोंच के निशान।

डब्ल्यूएचओ के मुताबिक डेंगू का कोई खास इलाज नहीं है डॉक्टर आमतौर पर दर्द के लक्षणों को ध्यान में रखते हुए इलाज करते हैं। WHO के अनुसार दर्द को नियंत्रित करने के लिए अक्सर एसिटामिनोफेन (पैरासिटामोल) का उपयोग किया जाता है। इबुप्रोफेन और एस्पिरिन जैसी दवाओं से परहेज किया जाता है क्योंकि ये ब्लीडिंग का जोखिम बढ़ा सकती हैं।

क्या पपीते का पत्ता डेंगू में मददगार है?

हर साल डेंगू के मामलों बढ़ने के साथ-साथ पपीते के पत्तों की मांग में भी बढ़ोतरी होने लगती है। ऐसा माना जाता है कि पपीते के पत्ते डेंगू के रोगियों में प्लेटलेट काउंट बढ़ा सकते हैं। लेकिन सवाल ये उठता है कि क्या सच में पपीते के पत्ते डेंगू पर असरदार हैं? सीके बिड़ला अस्पताल, गुरुग्राम में डिपार्टमेंट ऑफ इंटरनल मेडिसिन डॉ.राकेश कुमार ने बताया कि हर साल लोग प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए पपीते के पत्ते का रस और कीवी जैसे कई घरेलू उपायों का सहारा लेते हैं। एक्सपर्ट ने बताया कि लक्षण गंभीर नहीं हो तो डेंगू का बुखार 2-7 दिनों में ठीक हो जाता है लेकिन कुछ लोग पपीते के पत्तों का इस्तेमाल दवा की तरह करते हैं जो उनकी सेहत पर प्रतिकूल असर डालता है। खासकर डेंगू बुखार के कारण जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर है उनपर इसका नकारात्मक असर होता है।

पपीते के पत्तों से होने वाली बीामरियां

कच्चे पपीते के पत्तों के अर्क का सेवन करने से एलर्जी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानियां हो सकती हैं। इसके अलावा डेंगू बुखार के कारण अक्सर प्लेटलेट काउंट में कमी आ जाती है, जिससे ब्लीडिंग संबंधी जटिलताएं हो जाती हैं। अक्सर लोग दावा करते हैं कि प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए पपीते की पत्तियां मदद कर सकती हैं जिसका कोई प्रमाण मौजूद नहीं है। अप्रमाणित उपचारों पर भरोसा करना जोखिम भरा हो सकता है। आप इस तरह के घरेलू नुस्खों को अपनाएंगे तो उपचार में देरी हो सकती है। एक्सपर्ट ने बताया कि डेंगू के इलाज में प्रभावी मेडिकल इलाज की जरूरत होती है। इस बीमारी में बॉडी को हाइड्रेट करना और समय पर इलाज करना जरूरी है।

पपीते का जूस बढ़ा सकता है डिहाइड्रेशन की परेशानी

पपीते की पत्ती का जूस स्वाद में बेहद खराब होता है जिससे उल्टी और दस्त हो सकता है जो डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया कि पपीते के रस में फ्लेवोनोइड्स और एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं जो सभी ताजे फलों और सब्जियों में भी पाए जाते हैं।

पपीते के पत्तों का जूस नहीं बल्कि इन चीजों से करें उपचार

डेंगू के मरीज इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए रोगी को पपीते के पत्तों का जूस देने के बजाय ताजे फल,सब्जियों का सूप और नारियल पानी पीने की सलाह देना चाहिए। डॉक्टर के मुताबिक डेंगू के मरीज में प्लेटलेट्स 7वें दिन अपने आप बढ़ जाते हैं। पपीते का जूस पीने से रिकवरी जल्दी नहीं होगी।