चाय हम भारतीयों का सुबह का नाश्ता है। सुबह उठते ही बिस्तर पर चाय पीते हैं, खाने के बाद चाय पीने की आदत है, काम से उब जाते हैं तो थकान उतारने के लिए चाय पीते हैं। चाय हम भारतीय लोगों का शगुल हैं जिसे हर उम्र के लोग पीना पसंद करते हैं। चाय कभी-कभी थकान उतारती है तो कभी बॉडी को एनर्जी भी देती है। चाय का सेवन हम ग्रीन टी के रूप में, ब्लैक टी के रूप में और दूध की पारंपरिक चाय के रूप में करते हैं। चाय पाचन को दुरुस्त करती है, एनर्जी को बूस्ट करती है और अलर्टनेस को बढ़ाती है। तुलसी और अदरक वाली हर्बल टी पाचन में सुधार करती है और थकान को दूर करती है। वजन को घटाती है। चाय में कैफीन होता है जिसका सीमित सेवन ही सेहत के लिए उपयोगी है।
आप जानते है कि चाय हर उम्र के लोगों के लिए नहीं बनी है, खासकर बच्चों के लिए। चाय का सेवन एक उम्र के बाद किया जाए तो ये सेहत के लिए उपयोगी है। बच्चों के लिए चाय का सेवन सेहत के लिए घातक हो सकता है। चाय में मौजूद कैफीन बच्चों के दिमागी विकास, नींद और पाचन पर नकारात्मक असर डाल सकता है। चाय का सेवन अगर प्रेग्नेंट महिला करें तो पेट में पल रहे बच्चे की सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।
प्रेमानंद महाराज ने एक सत्संग में कहा है कि चाय का सेवन बिगड़ती आदत है। ये आदत शरीर और मन दोनों को असंतुलित करती है। महाराज ने बताया आज कल लोग घर में बच्चों को चाय पिलाते हैं। जबकि चाय सबके लिए नहीं बनी है, खासकर बच्चों को चाय बिल्कुल नहीं पीना चाहिए। प्रेमानंद महाराज ने चाय पीने की खास उम्र बताई है। आइए जानते हैं कि किस उम्र में चाय पीना चाहिए और कितनी मात्रा में पीना चाहिए।
बच्चों को चाय क्यों नहीं पीना चाहिए?
वेबएमडी के मुताबिक कुछ चाय जैसे कि काली चाय और हरी चाय में कैफीन होता है। कैफीन एक उत्तेजक है, जिसका मतलब है कि जब आप इसका सेवन करते हैं तो आपको ऊर्जा मिलती है। चाय बच्चों और वयस्कों को समान तरीके से प्रभावित करती है। कैफीन की थोड़ी मात्रा आपको अधिक सतर्क बना सकती है, लेकिन बहुत अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन सेहत को बिगाड़ सकता है।
बच्चे छोटे होते हैं इसलिए थोड़ी मात्रा में भी कैफीन का सेवन उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। बच्चे अगर चाय का सेवन करते हैं तो उन्हें घबराहट हो सकती है। उनकी बॉडी में कुछ लक्षण दिख सकते हैं जैसे पेट खराब होना, उल्टी, सिरदर्द, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, सोने में परेशानी होना, दिल की धड़कन तेज होना और हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है।
चाय में मौजूद कैफीन एक मूत्रवर्धक है, जो एक ऐसा रसायन है जिसका सेवन करने से आपको बार-बार पेशाब आता है। इससे डिहाइड्रेशन हो सकता है। 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कैफीन नहीं बना है।
किस उम्र में चाय का सेवन करना चाहिए?
प्रेमानंद महाराज ने बताया अगर आप चाय का सेवन करना चाहते हैं तो 40 साल की उम्र के बाद करें। इस उम्र में चाय का सीमित सेवन हमारी बॉडी को एनर्जी देता है। इस उम्र में चाय पिएंगे तो बॉडी को नेचुरल तरीके से फुर्ती मिलेगी और आपकी थकान और वीकनेस भी कंट्रोल रहेगी। हर उम्र के लोगों के लिए चाय का सेवन करना जरूरी नहीं है।
| उम्र | चाय का सेवन | सलाह |
| 0–12 | नहीं करना चाहिए | पूरी तरह परहेज |
| 13–17 | सीमित करना चाहिए | हल्की, कभी-कभार |
| 18–60 | कर सकते हैं | 1–2 कप, संतुलित मात्रा |
| 60+ | सीमित मात्रा में सेवन करें | हर्बल या हल्की चाय बेहतर |
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