डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे कंट्रोल करने के लिए डाइट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। डायबिटीज के मरीजों के लिए जरूरी है कि उन्हें कुछ भी खाना है तो सबसे पहले उस फूड की न्यूट्रिशन वैल्यू चैक जरूरी करें। डायबिटीज में कोई भी फूड का सेवन बिना सोचे समझे नहीं करना है,क्योंकि कुछ भी खाने से ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। डायबिटीज के मरीज अगर ब्लड शुगर को डाइट से कंट्रोल नहीं करेंगे तो फॉस्टिंग से लेकर खाने के बाद और रात तक की शुगर का स्तर हाई रहेगा। ब्लड शुगर हाई होने से दिल के रोगों,किडनी,लंग्स और आंखों को नुकसान पहुंच सकता है।

डायबिटीज के मरीज खाने में फ्रूट्स का सेवन करना ज्यादा पसंद करते हैं। फ्रूट्स का सेवन मिठा खाने की क्रेविंग को कंट्रोल करता है और ब्लड शुगर स्पाइक का खतरा भी कम रहता है। पंजीकृत फार्मासिस्ट, लेखक,सार्वजनिक वक्ता,कॉर्पोरेट ट्रेनर और सामाजिक कार्यकर्ता श्री लोकेंद्र तोमर ने बताया कि डायबिटीज के मरीज किसी भी फ्रूट्स या फूड को खाने से पहले उस फूड की न्यूट्रिशन वैल्यू चैक करें, उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स चेक करें फिर उस फूड का सेवन करें।

पका हुआ पपीता एक ऐसा फल है जिसका सेवन डायबिटीज के मरीज करना बेहद पसंद करते हैं। वैसे पपीता पोषक तत्वों का पावर हाउस है जो पाचन से लेकर बॉडी की कई परेशानियों तक को दूर करता है। अब सवाल ये उठता है कि क्या डायबिटीज के मरीजों को पका हुआ पपीता खाना चाहिए? क्या ये ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकता है। आइए जानते हैं इन सभी सवालों के एक्सपर्ट से जवाब।

पपीता की न्यूट्रिशन वैल्यू

पपीता में सबसे जरूरी अवयव है पानी। पपीता में 85 फीसदी पानी, 10% कार्बोहाइड्रेट,2% फाइबर, प्रोटीन 1 %,और फैट 0 होता है। इसके अलावा पपीता में विटामिन A, विटामिन C और कुछ जरूरी एंजाइम होते हैं। कुल मिलाकर कहें तो पपीता सेहत के लिए उपयोगी है। इसमें सभी वो पोषक तत्व मौजूद हैं जो बॉडी को हेल्दी रखते हैं और बीमारियों से बचाते हैं।

पपीता का ग्लाइसेमिक इंडेक्स

किसी भी फूड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स शुगर को घटाने और बढ़ाने में मददगार होता है। पके हुए पपीते का ग्लाइसेमिक लोड 60 के आस-पास है। इसमें कार्बोहाइड्रेट 10 फीसदी है। अगर 100 ग्राम पपीते के ग्लाइसेमिक इंडेक्स की बात करें तो उसका ग्लाइसेमिक इंडेस्स लगभग 6 है जो बहुत कम है। डायबिटीज के मरीज पूरे दिन के ग्लाइसेमिक लोड को काउंट करें और उसके हिसाब से ही पपीता का सेवन करें।

आप पूरा दिन में ऐसे फूड्स का सेवन करें जिनका ग्लाइसेमिक लोड सिर्फ 25 हो। इससे ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स का सेवन ब्लड शुगर को बढ़ा सकता है। अगर आप 100 ग्राम पपीता खा रहे हैं तो बाकी फूड्स में मौजूद ग्लाइसेमिक फूड्स पर कंट्रोल करें।

पपीता का कितना सेवन हैं जरूरी

अगर पूरा दिन में ग्लाइसेमिक लोड को कंट्रोल करना चाहते हैं तो पका हुआ 100 ग्राम पपीता ही खाएं। इससे ज्यादा पपीता का सेवन आपकी शुगर को स्पाइक कर सकता है।

पपीता के सेहत के लिए फायदे

पपीता में फाइबर कम है लेकिन इसमें पैपीन नाम का प्रोटिओलाइटिक एंजाइम पाया जाता है जो प्रोटीन को डाइजेस्ट करता है। इसका सेवन करने से पाचन दुरुस्त रहता हैं। प्रोटिओलाइटिक एंजाइम का दूसरा सबसे बड़ा रोल है कि ये बॉडी में इंफ्लामेशन को कम करता है। पपीता सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन डायबिटीज के मरीज 100 ग्राम से ज्यादा पपीता नहीं खाएं।