डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे लम्बे समय तक कंट्रोल नहीं किया जाए तो इस परेशानी से कई तरह की बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। डायबिटीज फुट अल्सर एक ऐसी परेशानी है जो टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज मरीजों के पैरों में होती है। डायबिटीज फुट अल्सर तब होता है जब आपके पैरों को किसी तरह का नुकसान पहुंचता है। ये नुकसान पैर में चोट लगने से, पैर में किसी तरह का इंफेक्शन होने से, ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड्स का सेवन करने से, पैर की सही से देखभाल नहीं करने से, स्किन में ड्राइनेस होने से और  खराब फिटिंग के जूते पहनने से डायबिटीज न्यूरोपैथी का खतरा बढ़ने लगता है। 

आप जानते हैं कि फुट अल्सर बेहद खतरनाक स्थिति है। इसमें डायबिटीज मरीजों के पैर में होने वाला अल्सर दिल के रोगों को बढ़ा सकता है। अगर डायबिटीज मरीज सही जूतों का चयन करें तो ब्लड सर्कुलेशन में सुधार हो सकता है, दिल और किडनी के रोगों से बचाव हो सकता है और मरीज का अंग काटने की नौबत से भी बचा जा सकता है। आइए जानते हैं कि डायबिटीज फुट अल्सर कैसे दिल और किडनी के लिए नुकसानदायक है।  

डायबिटीज और दिल के कनेक्शन पर हुआ अध्ययन

सीएमसी, वेल्लोर (CMC, Vellore study) के एक अध्ययन के मुताबिक डायबिटीज मरीजों के लिए सही जूतों का चयन गंभीर स्वास्थ्य स्थितियों को बढ़ने से रोक सकता हैं। फुट अल्सर को कंट्रोल करने के लिए सबसे पहले उसका प्राथमिक इलाज किया जाए ताकि स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सके। फुट अल्सर को कंट्रोल करने के लिए माइक्रोसेल्यूलर रबर इनसोल का इस्तेमाल करें जो एड़ी को फिट करने में मदद करता है।  

डायबिटीज न्यूरोपैथी, दिल और किडनी का कनेक्शन

डायबिटीज ब्लड वैसल्स को प्रभावित करता है और उन्हें सख्त व संकीर्ण बनाता है। ब्लड वैसल्स के सिकुड़ने की वजह से पैरों में रक्त संचार कम होने लगता है ऐसे में घाव और कट लगने पर उपचार प्रक्रिया धीमी होने लगती है जिससे संक्रमण और अल्सर का खतरा बढ़ने लगता है।

सीएमसी वैल्लोर के सीनियर प्रोफेसर डॉ. निहाल थॉमस ने बताया कि यही कारण है कि अगर किसी को डायबिटीज है तो उसमें दिल और दिमाग से संबंधित परेशानियों का खतरा ज्यादा रहता है। डायबिटीज खून की नलियों को बुरी तरह प्रभावित करती है, इससे खून की नलियां यानी ब्लड वैसल्स बहुत पतली और हार्ड हो जाती है जिसके कारण खून का प्रवाह आपके पैरों में कम होने लगता है। जब खून का प्रवाह किसी अंग तक कम हो जाए तो आप जान सकते हैं कि इससे क्या हो सकता है, वहां ऑक्सीजन कम पहुंचेगी और अगर वहां घाव या कुछ और हुआ तो यह जल्दी ठीक नहीं होगा और इंफेक्शन का असर ज्यादा होने लगेगा। डायबिटीज मरीजों में फूट अल्सर की समस्या गंभीर हो जाती है।