आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, मोबाइल स्क्रीन और अनियमित दिनचर्या ने नींद को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। बहुत से लोग रात को बिस्तर पर लेट तो जाते हैं, लेकिन नींद नहीं आती। कभी करवटें बदलते हैं, तो कभी घड़ी देखते रहते हैं। नींद न आने की समस्या धीरे-धीरे थकान, चिड़चिड़ापन और सेहत से जुड़ी दूसरी परेशानियों को जन्म देती है। ऐसे में कई लोग नींद के लिए मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स लेने लगते हैं, लेकिन अब हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की इंस्ट्रक्टर और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. त्रिशा पसरीचा ने एक बेहद आसान और प्राकृतिक तरीका बताया है, जो बिना दवा के भी मेलाटोनिन जितना असरदार माना जा रहा है।

डॉ. त्रिशा पसरीचा के मुताबिक, सोते समय पैरों को गर्म रखना नींद जल्दी लाने का एक वैज्ञानिक तरीका है। बिस्तर पर जाते वक्त मुलायम और गर्म मोजे पहनने से शरीर को संकेत मिलता है कि अब आराम का समय है। अगर मोजे पहनना पसंद नहीं है, तो सोने से पहले पैरों को 10 मिनट तक गुनगुने पानी में डुबोना भी उतना ही फायदेमंद हो सकता है। यह तरीका मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स जितना असर दिखा सकता है, लेकिन बिना किसी साइड इफेक्ट के।

नींद जल्दी आने के पीछे का वैज्ञानिक कारण

असल में, जब हम सोने की तैयारी करते हैं तो शरीर का कोर टेम्परेचर यानी अंदरूनी तापमान अपने आप 2 से 3 डिग्री फारेनहाइट तक कम हो जाता है। यही गिरावट नींद आने के लिए जरूरी होती है। जब पैरों को गर्म किया जाता है, तो वहां की ब्लड वेसल्स फैल जाती हैं। इससे शरीर की अंदरूनी गर्मी तेजी से बाहर निकलती है और कोर टेम्परेचर जल्दी गिरता है। दिमाग को यह साफ संकेत मिलता है कि सोने का समय हो गया है। डॉ. पसरीचा के अनुसार, यह तरीका औसतन 7 से 10 मिनट जल्दी नींद लाने में मदद कर सकता है, जो मेलाटोनिन सप्लीमेंट्स के बराबर ही है।

ठंडा कमरा और गर्म पैर

एक्सपर्ट्स का कहना है कि नींद के लिए कमरे का माहौल थोड़ा ठंडा होना चाहिए। हल्का ठंडा कमरा शरीर को आराम देता है और नींद को गहरा बनाता है। जब कमरे का तापमान ठंडा हो और पैर गर्म हों, तो यह कॉम्बिनेशन शरीर के लिए सबसे सही माना जाता है। गर्म पैरों से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और ठंडा माहौल कोर टेम्परेचर को गिराए रखता है। इससे रातभर नींद टूटने की संभावना भी कम हो जाती है।

देसी और आयुर्वेदिक उपाय भी हैं मददगार

नींद के लिए सिर्फ आधुनिक विज्ञान ही नहीं, बल्कि आयुर्वेद में भी कई असरदार उपाय बताए गए हैं। हाल ही में एक युवक द्वारा साझा किया गया देसी नुस्खा काफी चर्चा में है। इसके लिए सोने से करीब 30 मिनट पहले एक गिलास गुनगुना दूध लिया जाता है। इसमें एक चम्मच ब्राह्मी या अश्वगंधा पाउडर मिलाया जाता है। साथ ही 4-5 भीगे हुए बादाम पीसकर, एक चुटकी जायफल पाउडर और एक चम्मच शहद मिलाया जाता है। इस मिश्रण को पीने के बाद बिस्तर पर लेटकर 5 मिनट तक गहरी सांस लेने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि इसे 7 दिन तक लगातार अपनाने से नींद जल्दी आने लगती है और सुबह ताजगी महसूस होती है।

निष्कर्ष

हालांकि विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है। अगर किसी को पहले से कोई बीमारी है या वह नियमित दवाइयां ले रहा है, तो आयुर्वेदिक या घरेलू उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

डिस्क्लेमर

यह स्टोरी सामान्य जानकारी के उद्देश्य से तैयार की गई है। किसी भी तरह के स्वास्थ्य संबंधी बदलाव या डाइट में परिवर्तन करने से पहले अपने डॉक्टर या योग्य हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

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