Inflammatory Bowel Disease: क्या आपको बार-बार पेट में जलन या फिर बहदजमी की समस्या हो रही है? क्या आपका पेट फूल गया है? अगर आपके साथ ऐसा कुछ हो रहा है, तो यह इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण हो सकता है। आमतौर पर पेट फूलने के कई और कारण हो सकते हैं। लेकिन अगर ये समस्या लगातार हो रही है, तो समझ लें कि आप इस रोग का सामना कर रहे हैं। दरअसल, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज होने के कारण आंत और पेट के अंदरूनी हिस्सों में सूजन आ जाती है। आपको यह बात जानकर हैरानी होगी कि भारत में तेजी से लोग इस रोग के शिकार हो रहे हैं। अगर आप भी लंबे समय से पेट संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या का सामना कर रहे हैं, तो इस नजरअंदाज न करें और एक बार डॉक्टर को जरूर दिखा लें। आइए जानते हैं इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज क्या है? इसके साथ ही जानें इसके लक्षण, कारण और बचाव के बारे में।

क्या है इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज? ( What Is Inflammatory Bowel Disease)

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज पेट संबंधी बीमारी है। लंबे समय तक पाचन तंत्र में सूजन बनीं रहने को सूजन आंत्र रोग (Inflammatory bowel disease) कहा जाता है। इस डिजीज में क्रोहन और अल्सरेटिव कोलाइटिस प्रकार की डिजीज शामिल है। इस बीमारी के होने पर व्यक्ति को पेट दर्द, थकान, तेजी से वजन कम होना, दस्त, अधिक कमजोरी होना जैसे लक्षण नजर आते हैं। अगर इसे समय रहते इलाज नहीं किया गया, तो व्यक्ति की जान तक जा सकती है।

इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के लक्षण (Inflammatory Bowel Disease Symptoms )

  • दस्त की समस्या हो जाना
  • पेट में दर्द के साथ अधिक ऐंठन होना।
  • अधिक थकान और कमजोरी महसूस होना
  • हल्का बुखार आना
  • मल में खून का आना
  • भूख न लगना
  • तेजी से वजन कम होना
  • डायरिया
  • एसिडिटी की समस्या बनी रहना

इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के कारण (Inflammatory Bowel Disease Causes )

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज होने के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें जेनेटिक कारण भी हो सकता यानी यह माता-पिता से आपको मिल सकता है। इसके अलावा इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होने के कारण भी इस समस्या का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा अधिक मसाले वाला खाना, धूम्रपान आदि के कारण भी हो सकता है।

इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज से कैसे करें बचाव (Inflammatory Bowel Disease Prevention)

इस बारे में डॉक्टरों का कहना है कि इस समस्या से बचने का कोई सही तरीका नहीं है। लेकिन अपने खानपान और लाइफस्टाइल में थोड़ा सा बदलाव करके इस समस्या से काफी हद तक बचाव हो सकता है। रोजाना सही डाइट लें, जिससे आपकी इम्यूनिटी मजबूत हो। इसके साथ ही नियमित रूप से एक्सरसाइज और योग करें। शराब, धूम्रपान से कोसों दूर रहें। ज्यादा तनाव लेने के कारण भी पाचन तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए कोशिश करें कि स्ट्रेस कम लें।

सही समय में इलाज न कराने में  हो सकती हैं ये समस्याएं

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, अगर इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज का सही समस्या पर इलाज नहीं कराया, तो तेजी से वजन कम होने के अलावा  कुपोषण के शिकार हो सकते हैं। इसके अलावा कोलोरेक्टल कैंसर, आंतों का टूटना, अंतड़ियों में रूकावट जैसी समस्याओं का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।

कैसे जानें इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज है कि नहीं? (Inflammatory Bowel Disease Medical Tests)

डॉक्टरों के अनुसार, IBD की बीमारी को जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है। बल्कि, सही समय में इलाज कराकर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है। इस बीमारी के बारे में जानने के लिए कुछ टेस्ट किए जाते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।

  • एंडोस्कोपी क्रोहन डिजीज के लिए किया जाता है।
  • कोलोनोस्कोपी अल्सरेटिव कोलाइटिस के लिए किया जाता है।
  • कंट्रास्ट रेडियोग्राफी।
  • एमआरआई (MRI)
  • सीटी-स्कैन (CT Scan)
  • स्टूल टेस्ट (Stool Test)
  • ब्लड टेस्ट (Blood Test)