How to Prevent Breast Cancer Naturally in Women: डब्ल्यूएचओ के आंकड़ों पर गौर करें तो 2020 में एक करोड़ लोगों की मौत कैंसर के कारण हुई है, यानी हर 6 में से एक मौत कैंसर से होती है। इनमें से सबसे ज्यादा संख्या ब्रेस्ट कैंसर से होने वाली मौतों की है। यानी महिलाओं को सबसे ज्यादा इसका खामियाजा उठाना पड़ता है। ब्रेस्ट कैंसर कई स्टेज में जाकर खतरनाक बन जाता है, जहां से इलाज करना मुश्किल हो जाता है, इसे मेटास्टैसिस स्टेज कहते हैं।

इंडिया अगेंस्ट कैंसर के आंकड़ों के मुताबिक भारत में कैंसर से संबंधित करीब 8.5 लाख लोगों की मौत हुई है, इनमें से पहला नंबर ब्रेस्ट कैंसर का ही था। महिलाओं को कैंसर से बचाने के लिए हर तरफ से प्रयास हो रहे हैं। ब्रेस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिए जागरुकता अभियान पर जोर दिया जा रहा है ताकि महिलाएं समय पर इसकी पहचान कर लें और इस खतरनाक बीमारी का शिकार होने से बच जाएं।

मेटास्टैसिस एक सीरियस स्टेजअखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अजय गोगिया ने बताया है कि भारत में जो सबसे चिंताजनक बात सामने आ रही है वो है स्वास्थ्य सेवाओं को मिलने में होने वाली देरी है, जिसकी वजह से 60 फीसदी ब्रेस्ट कैंसर की पहचान एडवांस स्टेज, आमतौर पर स्टेज II स्टेज III में होती है। कैंसर का देरी से पता लगने के कारण ही मौत हो जाती है। कैंसर डॉट जीओवी के मुताबिक मेटास्टैसिस अलग-अलग तरह के कैंसर के चौथे स्टेज में हो जाता है और इसलिए मेटास्टैसिस एक सीरियस स्टेज है।

इसका मतलब है कि इंसान के शरीर में होने वाला कैंसर इतना मजबूत था कि वह शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल गया। स्टेज III का ब्रेस्ट कैंसर होता है, उन्हें स्टेज I या स्टेज II की तुलना में दोबारा ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। भले ही पिछले कुछ सालों में ब्रेस्ट कैंसर से बचने की दर में सुधार हुआ हो, लेकिन अभी भी काफी सारे रोगी ऐसे हैं, जिनकी जिंदगी में इसकी वापसी और मेटास्टैटिस के बाद डर का साया मंडराता रहता था।

कैंसर ब्रेस्ट से आगे

आइए सबसे पहले समझते हैं, कैंसर मेटास्टेसाइज्ड होने का क्या अर्थ है? मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर (mBC) को ज्यादातर स्टेज IV कहा जाता है। यह बताता है कि कैंसर, ब्रेस्ट से आगे बढ़ चुका है और यानी छाती के आस-पास के लिम्फ नोड्स के आस-पास फैल चुका है। कैंसर, फेफड़े, लिवर या ब्रेन तक पहुंच चुका है। यदि आपको mBC होने का पता चलता है तो घबराहट और डर महसूस होना बहुत ही सामान्य बात है। हालांकि यह बात ध्यान मे रखना जरूरी है कि इसकी पहचान पहले की जाए और समय पर इसका इलाज शुरू कर दिया जाए।

इस स्टेज तक पहुंचने ही न दें

अगर किसी को ब्रेस्ट कैंसर का चौथा स्टेज आ गया है तो इसके बचने की संभावना लगभग नगण्य है, लेकिन अपने मानसिक संतुलन से इसे वापस भी किया जा सकता है। इसके लिए बेहद मजबूत विल पावर की जरूरत होती है। इससे बेहतर है कि ब्रेस्ट कैंसर को इस स्टेज तक आने ही न दें। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। यदि आपके परिवार में कैंसर से जेनेटिक रिलेशन है तो हमेशा चौकन्ना रहें और नियमित रूप से शरीर में किसी तरह की बदलाव पर तुरंत डॉक्टर से दिखाएं। इसके साथ 20 साल की उम्र के बाद हमेशा अपने ब्रेस्ट को आइने में देखते रहें। अगर किसी तरह का परिवर्तन होता है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। ब्रेस्ट में छोटा सी भी कहीं गांठ दिखे या तिल के रंग में बदलाव दिखें तो चौकन्ना हो जाएं। सिगरेट, अल्कोहल और प्रोसेस्ड फूड के सेवन ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है, इसलिए इन चीजों से दूर रहें। वहीं सही समय पर मां बनना और बच्चों को दूध पिलाना ब्रेस्ट कैंसर से बचने का तरीका है।