Normal BP Reading: आज की लाइफस्टाइल में कम उम्र में लोग कई बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। ब्लड प्रेशर भी एक ऐसी ही स्थिति है जिसका बढ़ना और घटना दोनों खतरनाक है। आमतौर पर लोग रक्तचाप को लेकर अधिक गंभीरता नहीं दिखाते हैं, पर कोई भी परेशानी होने पर डॉक्टर्स सबसे पहले ब्लड प्रेशर ही जांचते हैं। इससे साफ पता चलता है कि बीपी लेवल काबू में रहना कितना आवश्यक है। आंकड़ों के मुताबिक करीब 33 फीसदी शहरी और 25 परसेंट ग्रामीण क्षेत्र के लोग उच्च रक्तचाप के मरीज हैं। हालांकि, अब भी एक बड़ा तबका ऐसा है जो इस बात से अनजान है कि रक्तचाप का सामान्य स्तर क्या है –

क्या है ब्लड प्रेशर की नॉर्मल रीडिंग: सामान्य ब्लड प्रेशर (Normal BP Reading) 120/80 mm Hg को माना जाता है। स्लैश के ऊपर वाले अंकों को सिस्टॉलिक ब्लड प्रेशर और निचले हिस्से को डायस्टॉलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार 15 से 18 आयुवर्ग के लड़कों का बीपी 117/77 mm Hg और लड़कियों का 120/85 mm Hg होना चाहिए। वहीं, 19 से 24 साल के लड़कों और लड़कियों का बीपी 120/79 mm Hg रहना चाहिए।

रक्तचाप का इनमें ऐसा होना चाहिए स्तर: 25 से 29 साल के पुरुषों और महिलाओं के ब्लड प्रेशर की बात करें तो ये 120/80 mm Hg के करीब होना चाहिए। वहीं, 30 से 39 साल के पुरुषों का बीपी 122/81 और महिलाओं में 123/82 mm Hg को नॉर्मल माना जाता है। इसके अलावा, 40 से 50 के बीच के पुरुष व महिलाओं के रक्तचाप का स्तर 124/84 mm Hg तक हो सकता है।

ब्लड प्रेशर बढ़ने से क्या हो सकती है दिक्कतें: हाइपरटेंशन जर्नल में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक लंबे समय से हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित मरीजों का शरीर प्रभावित होता है। इसके कारण उनकी याददाश्त कमजोर हो सकती है। उच्च रक्तचाप के कारण मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है, ऐसे में मरीजों को एक समय के बाद भूलने की बीमारी भी हो सकती है। इसके अलावा, यूरिक एसिड का बढ़ना, ब्लड शुगर ज्यादा होना या फिर दिल की बीमारियों का खतरा, ये सभी जटिलताएं हाई बीपी के कारण हो सकती है।

कैसे पाएं काबू: आमतौर पर नमक की अधिकता बीपी बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होती है। ऐसे में सोडियम की खुराक कम करें। साथ ही, धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें। हेल्दी डाइट लें और पोटैशियम से भरपूर फूड्स को बढ़ाएं। योग, प्राणायाम और व्यायाम को अहमियत दें। इसके अलावा, नियमित रूप से आधा घंटा टहलने से लोगों को लाभ होगा।