Home Remedies to control Diabetes: डायबिटीज के मरीजों को अपने स्वास्थ्य के प्रति अधिक सचेत रहने की जरूरत होती है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है जिस वजह से उन्हें अपने सेहत की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। ऐसे में इस कोरोना काल में हेल्थ विशेषज्ञ मधुमेह से पीड़ित लोगों को विशेष रूप से सावधान रहने की सलाह देते हैं। सरकारी आंकड़ों की मानें तो भारत में लगभग 60 मिलियन लोग डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे हैं। इसके अनुसार, देश की आबादी का 7.8 प्रतिशत हिस्सा डायबिटीज रोगी है। बता दें कि जब शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा अनियंत्रित हो जाती है तब डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। कई बार तनाव व अनहेल्दी खाने से ब्लड शुगर रेंज घटते-बढ़ते रहता है, ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी है कि लोगों ब्लड शुगर का स्तर कितना रहना चाहिए-
क्या होता है ब्लड शुगर: ब्लड शुगर या ग्लूकोज शरीर को उर्जा प्रदान करने का मुख्य स्रोत होता है। आमतौर पर भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट्स के जरिये ग्लूकोज बनते हैं। लेकिन जरूरत पड़ने पर प्रोटीन और फैट्स भी इसके निर्माण में मदद करते हैं। हालांकि, प्रोटीन से जो ग्लूकोज बनता है वो लोगों के लिवर में स्टोर हो जाता है और ब्लडस्ट्रीम में नहीं पहुंचता। इसलिए प्रोटीन-युक्त खाना खाने से लोगों का ब्लड शुगर प्रभावित नहीं होता है। वहीं, फैट कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा कर देती है, जिससे हाई ब्लड शुगर का खतरा बढ़ जाता है।
कैसे करें जांच: डायबिटीज के कई मरीज घर पर ही अपने शुगर को लेवल को चेक कर लेते हैं। जिन मरीजों में हाई ब्लड शुगर होता है वो अक्सर ग्लूकोज मॉनिटर (एक सीजीएम) या ब्लड शुगर मीटर अपने पास रखते हैं जिसके उपयोग से मरीज अपने शुगर लेवल पर नजर रखते हैं। इस टेस्ट में लोग अपनी उंगली पर नीडल चुभाते हैं जिसके जरिये मशीन उनका ब्लड शुगर लेवल बताती है। इसके अलावा, जिन्हें डायबिटीज के लक्षण नजर आते हों वो डॉक्टर की सलाह पर किसी भी लैब में जाकर जांच करवा सकते हैं। डॉक्टर आपको ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन (A1C) टेस्ट कराने के लिए भी कह सकते हैं जिसमें पिछले दो से तीन महीनों में आपके औसत ब्लड शुगर को मापा जाता है।
क्या है नॉर्मल रीडिंग: आमतौर पर जो लोग पूरी तरह स्वस्थ होते हैं और जिन्हें डायबिटीज की परेशानी नहीं होती, उनमें नॉर्मल ब्लड शुगर का लेवल 70-99 मिलीग्राम / डीएल के बीच होता है। बता दें कि ब्लड शुगर का ये स्तर फास्टिंग में होता है, यानि कि व्यक्ति आठ घंटे या उससे अधिक समय से भूखा होता है। वहीं, जब आपने पिछले दो घंटों में खाया है, तो यह 140 मिलीग्राम / डीएल से अधिक नहीं होना चाहिए। हालांकि, ये रीडिंग लोगों की दिनचर्या पर भी निर्भर करता है इसलिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करना चाहिए।