डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें ब्लड में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है। ये बीमारी तब होती है जब पैंक्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करना कम या फिर बंद कर देता है। डायबिटीज को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है वरना इसकी वजह से कई गंभीर बीमारियों जैसे दिल के रोगों (heart diseases),स्ट्रॉक (Stroke)और फेफड़ों (Lung) से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है।

डायबिटीज के मरीज डाइट पर कंट्रोल करें और बॉडी को एक्टिव रखें तो इस बीमारी को कंट्रोल में रखा जा सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए रोजाना शुगर को चेक करना जरूरी है। शुगर चैक करने में जरा सी भी लापरवाही बरतना खतरनाक हो सकता है। ब्लड शुगर लेवल चेक करने से शुगर के घटने और बढ़ने का पता लगता है।

शुगर चेक करने पर अगर उसका स्तर बढ़ा होता है तो उसे दवाओं और इंसुलिन की मदद से आसानी से कंट्रोल किया जा सकता है। आप भी डायबिटीज के शिकार हैं तो आपको ये पता होना चाहिए कि हफ्ते में कितनी बार आपको शुगर चेक करनी चाहिए। आइए जानते हैं कि डायबिटीज के रोगियों के लिए शुगर को चेक करना क्यों जरूरी है और उन्हें सप्ताह में कितनी बार अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए।

शुगर की जांच क्यों है जरूरी: शुगर की जांच करने पर ब्लड में शुगर के स्तर की मात्रा का पता चलता है। शुगर बढ़ने पर दवाईयों से उसे कंट्रोल कर सकते हैं। शुगर की जांच करने से उसे हाई या लो होने का पता चलता है।

टाइप 1 डायबिटीज के मरीज कब करें शुगर की जांच: हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक टाइप-1 डायबिटीज के मरीज दिन में 4 से 10 बार तक ब्लड में शुगर के स्तर की जांच कर सकते हैं। जांच नाश्ते से पहले और बाद में करें। एक्सरसाइज से पहले कर सकते हैं। रात में सोने से पहले कभी भी कर सकते हैं। अगर आप बीमार है तो दिन में कई बार शुगर की जांच करें।

जो लोग इंसुलिन थेरेपी ले रहे हैं, उन्हें दिन में कम से कम दो बार शुगर लेवल की जांच करनी चाहिए। इसके अलावा जो लोग दवा पर निर्भर हैं और जिनका शुगर लेवल सही रहता है, वे सप्ताह में दो बार शुगर की जांच जरूर करें।

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन (एडीए) के मुताबिक यदि टाइप 2 डायबिटीज के मरीज इंसुलिन दवाओं के साथ या सिर्फ डाइट और एक्सरसाइज से शुगर को कंट्रोल करते हैं तो उन्हें अपने ब्लड में शुगर के स्तर की रोजाना जांच करने की जरूरत नहीं है।