पीरियड महिलाओं में होने वाला नेचुरल प्रोसेस है जिसकी शुरुआत लड़कियों में 12-13 साल की उम्र में होती है। हालांकि ये अवधी हर लड़की में अलग-अलग होती है। जिस बच्चे का बॉडी का विकास जिस तरह होता है उसी के हिसाब से ही पीरियड साइकिल भी शुरू होता है। नॉर्मल पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है। यह साइकिल हर महीने कुछ दिन पहले और कुछ दिन बाद भी हो सकता हैं जो नॉर्मल है। पीरियड का दो से चार दिन या हफ्ता भर देर से आना कोई परेशानी की बात नहीं है। पीरियड अगर 38 दिनों में भी आए तो भी नॉर्मल माना जाता है, लेकिन अगर पीरियड साइकिल उससे भी ज्यादा देर से आता है तो परेशानी की बात है।
पीरियड के अनियमित होने के लिए कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे हॉर्मोन में बदलाव,थायराइड,खराब डाइट,बढ़ता तनाव,मोटापा और कुछ हेल्थ कंडीशन भी अनियमित पीरियड्स का कारण बन सकते हैं।
अगर आप प्रेग्नेंट नहीं है और पीरियड मिस होता है तो सबसे पहले डॉक्टर से चेकअप कराएं। हेल्थलाइन के मुताबिक अगर आप प्रेग्नेंट नहीं है लेकिन आपका पीरियड 20 दिनों से भी ऊपर हो गया है तो आपको थॉयराइड और टीबी की बीमारी का पता लगाने का टेस्ट कराना चाहिए। कुछ बीमारियों की वजह से हर महीने पीरियड देर से आ सकता है और पीरियड्स में ब्लीडिंग कम और ज्यादा भी हो सकती है। आइए जानते हैं कि पीरियड कितने दिनों तक मिस होना नॉर्मल है और कब डॉक्टर को दिखाने की जरुरत होती है।
कितने दिनों तक पीरियड मिस होना परेशानी की बात है?
पीरियड साइकिल 28 दिनों का है लेकिन आपको इस साइकिल के मुताबिक पीरियड नहीं आता और उसका समय हर बार बदलता रहता है तो परेशानी की बात है। अगर पीरियड साइकिल 38 दिनों से ज्यादा है या फिर 40 दिन या उससे भी ज्यादा पहुंच गया है तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। अगर आपकी कोई मेडिकल हिस्ट्री नहीं है तो डॉक्टर आपको पीरियड रेगुलर करने के लिए कुछ दवाएं देगा जिससे कुछ ही महीनों में आपका पीरियड साइकिल सुधर जाएगा।
पीरियड देर से आता है तो इन बातों का रखें ध्यान
- पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए आप अपनी डाइट का खास ध्यान रखें। डाइट में क्या खाना है और क्या नहीं खाना है इसका ध्यान रखना जरूरी है। पीरियड अनियमित होने का कारण विटामिन डी की कमी होना भी हो सकता है। पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए आप डेली डाइट में विटामिन डी से भरपूर फूड जैसे अंडा, मछली, मशरुम का सेवन करें। रोजाना कुछ देर धूप में रहें बॉडी की विटामिन डी की कमी पूरी होगी और पीरियड भी रेगुलर होगा।
- डाइट में फाइबर से भरपूर फल, सब्जियां, अनाज और दालों का सेवन करें। इस डाइट का सेवन करने से इंसुलिन के स्तर में सुधार होता है जो हॉर्मोन इंबैलेंस को ठीक करता है।
- गर्म ड्रिंक का करें सेवन। गर्म ड्रिंक में आप अदरक की चाय, काली चाय और ग्रीन टी का सेवन कर सकते हैं।
- पानी का ज्यादा सेवन करें। बॉडी हाइड्रेट रहेगी तो बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकलेंगे और हॉर्मोन बैलेंस रहेंगे।
- तनाव को कम करें और वजन को कंट्रोल करें। तनाव और मोटापा दोनों ही सेहत के दुश्मन हैं।