खराब लाइफस्टाइल, बिगड़ते खान-पान और तनाव का असर महिलाओं की प्रेग्नेंसी पर भी बेहद पड़ता है। आजकल ज्यादातर महिलाओं की प्रेग्नेंसी में कोई ना कोई कॉम्प्लीकेशन आ जाते हैं जिसकी वजह से डिलीवरी सिजेरियन करनी पड़ती है। सिजेरियन डिलीवरी से मतलब बड़ा ऑपरेशन करके बच्चे को जन्म देना है। सिजेरियन डिलीवरी तब कराई जाती है जब बच्चे और मां को नॉर्मल डिलीवरी में कुछ जोखिम होता है।
जोखिम कई तरह का हो सकता है जैसे बच्चे की पोज़ीशन ठीक नहीं होना, गर्भ में बच्चे का सिर ऊपर और पैर नीचे होना, बच्चे की पोज़ीशन टेढ़ी होना, जब बच्चा बार बार अपनी स्थिति बदल रहा हो, प्लासेंटा नीचे हो या प्लासेंटा प्रीविया हो तो सिजेरियन डिलीवरी करने की जरूरत होती है। आजकल महिलाएं तनाव में रहती है, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं का तनाव और भी ज्यादा बढ़ जाता है जिसकी वजह से उन्हें कई बीमारियां परेशान करने लगती है। सीजेरियन डिलीवरी के बाद महिला की बॉडी को नॉर्मल होने में काफी लम्बा समय लगता है। नॉर्मल डिलीवरी होने पर जहां महिला एक से डेढ़ महीने में फिजिकली एक्टिव हो जाती है वहीं सिजेरियन डिलीवरी की रिकवरी होने में थोड़ा ज्यादा समय लगता है।
सिजेरियन डिलिवरी के बाद किसी भी महिला के लिए शारीरिक संबंध बनाने में जल्दबाजी करना उसकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। सिजेरियन डिलीवरी के 7-10 हफ्तों के बाद तक महिला को अपना ध्यान रखना जरूरी होता है। अब सवाल ये उठता है कि सिजेरियन डिलीवरी के कितने दिनों बाद कोई महिला नॉर्मल लाइफ जी सकती है। नॉर्मल लाइफ से मतलब है कि उसकी बॉडी कब शारीरिक संबंध बनाने के काबिल होगी। आइए जानते हैं कि सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला को कब शारीरिक संबंध बनाना चाहिए।
सिजेरियन डिलीवरी क्या है और बॉडी को कैसे प्रभावित करती है:
मदरहुड शर्जापुर हॉस्पिटल में कंसल्टेंट ऑब्ट्रीशन एंड गायनोकोलॉजिस्ट डॉक्टर शेफाली त्यागी ने बताया है कि सिजेरियन डिलीवरी में बच्चे की डिलीवरी वजाइना से नहीं होती बल्कि पेट और गर्भाश्य में चीरा लगाकर कराई जाती है। नॉर्मल डिलीवरी में कॉम्प्लीकेशन होने पर बच्चे को सुरक्षित तरीके से पैदा कराने के लिए सी सेक्शन डिलीवरी कराई जाती है। बच्चे की डिलीवरी का ये तेज तरीका इमरजेंसी सीजेरियन ऑपरेशन हैं।
सिजेरियन डिलीवरी के कितने दिनों बाद शारीरिक संबंध बना सकते हैं:
सी सेक्शन डिलीवरी में महिला की डिलीवरी के दौरान उसे स्टिच लगाए जाते है जिन्हें रिकवर होने में वजाइनल डिलीवरी से ज्यादा समय लगता है। सिजेरियन डिलीवरी के छह हफ्तों बाद महिला शारीरिक संबंध बना सकती है। सिजेरियन डिलीवरी के 6 हफ्तों बाद शारीरिक संबंध बनाना आदर्श समय है। हर महिला में रिकवरी का समय अलग-अलग होता है। कुछ महिलाओं की रिकवरी देर से होती है इसलिए जरूरी है कि वो शारीरिक संबंध बनाने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें। डिलीवरी के बाद यूटेरस का साइज बदल जाता है जिसे नॉर्मल होने में थोड़ा समय लगता है, साथ ही ब्लीडिंग पैटर्न भी बदल जाता है। इसलिए आप डॉक्टर की सलाह लें कि आपकी बॉडी फिजिकल रिलेशन बनाने के काबिल हो गई है या अभी और समय लेने की जरूरत है।
सिजेरियन डिलीवरी के बाद शारीरिक संबंध बनाना कैसे परेशान कर सकता है:
सिजेरियन डिलीवरी के बाद शारीरिक संबंध बनाना दर्दनाक हो सकता है। इस दौरान महिला बच्चे को ब्रेस्ट फीडिंग कराती है जिसकी वजह से वजाइना में ड्राईनेस ज्यादा रहती है। नेचुरल लुब्रीकेंट में कमी होने से शारीरिक संबंध बनाने में परेशानी होती है। सिजेरियन डिलीवरी के 6 हफ्तों बाद आप फिजिकल रिलेशनशिप बनाने का विचार डॉक्टर की सलाह से करें।