अच्छी सेहत सबसे बड़ा ख़ज़ाना है। अच्छी सेहत से मतलब है कि आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) आपके वजन के मुताबिक हो, समय पर नींद आती हो और आपका पाचन भी ठीक रहता हो। बदलते लाइफस्टाइल और खान-पान की आदतों ने हमें बीमार बना दिया है। जाने अनजाने में हम अनजान बीमारियों की गिरफ्त में पहुंच जाते हैं।
हार्मोन इम्बैलेंस एक ऐसी परेशानी है जिसकी शिकार महिलाएं ज्यादा होती है। इस बीमारी का कारण खराब डाइट और तनाव है। महिलाएं पूरी फैमिली की डाइट का ध्यान रखती हैं लेकिन अपनी डाइट को नजरअंदाज करती हैं और हमेशा तनाव में रहती हैं। आप भी हर वक्त चिंता और तनाव में रहते हैं और अकेलापन महसूस करते हैं तो बॉडी में हुए इस बदलाव का कारण हार्मोन्स में परिवर्तन हो सकता है।
हॉर्मोन में बदलाव वज़न कम होने या ज्यादा होने का कारण भी हो सकता है। आइए जानते हैं कि हार्मोन्स में बदलाव के लक्षणों की पहचान कैसे करें और उसका उपचार भी कैसे करें।
हॉरमोनल इमबैलेंस के लक्षण: नींद कम आना, अचानक से वजन का घटना और बढ़ना, गैस और कब्ज होना, थकान महसूस करना, तनाव और चिंता में रहना, मिजाज़ में चिड़चिड़ापन होना, ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा ठंड या गर्मी लगना, पसीना ज्यादा आना, हेयर फॉल होना, चेहरे पर मुहांसे होना, सेक्स के प्रति इच्छा कम होना और इर्रेगुलर पीरियड होना शामिल है।
हार्मोन्स में बदलाव कैसे वजन घटा और बढ़ा सकता है: वजन को कम करन के लिए बहुत से लोग कई तरह की डाइट लेते हैं, साथ ही हार्ड वर्कआउट भी करते हैं उसके बाद भी उनका वजन कम नहीं होता। वजन कम नहीं होने पर लोग हताश होने लगते हैं और अपनी सभी गतिविधियों को को बंद कर देते हैं। लेकिन आप जानते हैं कि वजन कम करने के लिए और बढ़ाने के लिए आपकी अंतर्निहित हेल्थ समस्याएं जिम्मेदार हैं जिसकी वजह से आपका वजन कम नहीं होता।
हार्मोन में बदलाव एक ऐसी अंतर्निहित समस्या है जो वजन कम करने में बाधा है। आप भी वजन कम करने के सारे नुस्खें आजमाकर थक चुके हैं तो सबसे पहले हार्मोन का टेस्ट कराएं। हार्मोन में बदलाव आने पर दवाई का सहारा ले सकते हैं साथ ही कुछ घरेलू उपचार भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि हॉरमोनल इमबैलेंस कंट्रोल करने के कौन से उपाय हैं।
प्रोटीन डाइट लें: हॉर्मोन में बदलाव आ गया है तो डाइट में प्रोटीन को शामिल करें। प्रोटीन डाइट में आप अंडा और चिकन को शामिल कर सकते हैं। नॉन वेज नहीं खाते हैं तो दाल और सोयाबीन का सेवन करें।
ग्रीन टी का करें सेवन: ग्रीन टी में थियानाइन नामक प्राकृतिक तत्व पाया जाता है जो हॉरमोनल बैलेंस करने में मदद करता है।
ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें: हॉर्मोन को बैलेंस करने के लिए आप ड्राईफ्रूट्स का सेवन करें। ड्राईफ्रूट्स में मौजूद ओमेगा 3 और ओमेगा 6 हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखने में मदद करते है।
रेगुलर एक्सरसाइज करें: हॉर्मोन के संतुलन को बनाएं रखने के लिए आप रेगुलर एक्सरसाइज या फिर योग करें। बॉडी की गतिविधियां हॉर्मोन्स को कंट्रोल करने में असरदार साबित होती है।
बेस्ट डाइट लें: हॉर्मोन में उतार-चढ़ाव से बचने के लिए बेस्ट डाइट लें। डाइट में आप ओट्स, दही, नारियल पानी, ताज़ा फल और सब्जियों का सेवन करें।