हमारे शरीर की मजबूती, लचीलापन और संतुलन हमारी हड्डियों पर ही निर्भर करता है। हड्डियां न सिर्फ शरीर को आकार देती हैं, बल्कि अंगों की सुरक्षा, रक्त निर्माण और मांसपेशियों को सहारा देने का काम भी करती हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर में कैल्शियम और विटामिन D का स्तर घटने लगता है, जिससे बोन डेंसिटी कम होती है और हड्डियां कमजोर पड़ने लगती हैं। इसके अलावा गलत खानपान, जंक फूड का सेवन, धूप की कमी, व्यायाम नहीं करना, अत्यधिक कैफीन या शराब का सेवन और हार्मोनल असंतुलन जैसी वजहों से भी हड्डियों की सेहत तेजी से गिरती है।
कमजोर हड्डियों के कारण ऑस्टियोपोरोसिस, जोड़ों में दर्द, चलने-फिरने में कठिनाई और हड्डियों के टूटने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए बढ़ती उम्र के साथ-साथ हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, पर्याप्त धूप और आवश्यक पोषक तत्वों जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, विटामिन D3 और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स का सेवन बेहद जरूरी है।
ऐसे में हड्डियों को मजबूत करने के लिए आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं के एक्सपर्ट डॉ. सलीम जैदी ने एक असरदार होम रेमेडी बताई है जो न सिर्फ जोड़ों के दर्द को कम करती है बल्कि मांसपेशियों को भी मजबूत बनाती है। ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर यह रेमेडी सूजन को कंट्रोल करती है और जोड़ों के दर्द से राहत दिलाती है। आइए जानते हैं कि इस रेमेडी को कैसे घर में तैयार करें और ये कैसे जोड़ों और हड्डियों को मजबूत करने में असरदार साबित होती है।
हड्डियों को मजबूत करने की दवा
डॉक्टर ने बताया अगर आप हड्डियों को मजबूत करना चाहते हैं तो आप अलसी के बीज, तिल के बीज, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, बादाम, काजू, हल्दी पाउडर, जीरा, धनिया के बीज, काली मिर्च और सौंफ के बीज का पाउडर बनाकर उसका सेवन करें। यह घरेलू नुस्खा ओमेगा-3 फैटी एसिड्स, कैल्शियम, मैग्नीशियम और कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर है। इन सीड्स में मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड्स शरीर में सूजन को कम करता हैं और जोड़ों के दर्द में राहत देता हैं। इस रेमेडी में उपयोग किए गए बीज और हर्ब्स हड्डियों को मजबूत करने के साथ-साथ शरीर में ऊर्जा और खून के उत्पादन को भी बढ़ाते हैं।
नट्स और सीड्स के इस पाउडर का सेवन करने से हड्डियों में कैल्शियम की कमी पूरी होती है। ये पाउडर जोड़ों के अंदर ग्रीस (lubrication) बढ़ाता है जिससे चलने-फिरने में आसानी होती है। इस पाउडर को रोज खाने से मांसपेशियों और नसों को मजबूती मिलती है। ये पाउडर खून का उत्पादन बढ़ाता है और एनर्जी को बूस्ट करता है। लंबे समय तक उपयोग करने पर ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा टलता है।
पाउडर को कैसे करें तैयार
- आधा कप अलसी के बीज (Flax seeds)
- आधा कप तिल (Sesame seeds)
- आधा कप कद्दू के बीज (Pumpkin seeds)
- आधा कप सूरजमुखी के बीज (Sunflower seeds)
- आधा कप बादाम
- आधा कप काजू
- 1/4 कप हल्दी पाउडर
- 1/4 कप जीरा
- 1/4 कप धनिया के बीज
- 1/4 कप काली मिर्च
- 1/4 कप सौंफ
विधि:
इन सभी सीड्स को धीमी आंच पर तवे पर हल्का सुनहरा होने तक भूनें। बादाम और काजू को एक चम्मच घी में तब तक भूनें जब तक हल्की खुशबू आने लगे। सभी सामग्री को ठंडा होने दें और फिर मिक्सर में पीसकर बारीक पाउडर बना लें। इस पाउडर को एक एयरटाइट कांच के जार में स्टोर करें।
सेवन करने का तरीका
इस पाउडर की 1 से 2 चम्मच मात्रा दिन में एक या दो बार खाना खाने के आधा से एक घंटे बाद खाएं। इसे आप गुनगुने दूध या पानी के साथ ले सकते हैं। नियमित रूप से 10 दिन से 45 दिन तक सेवन करने पर हड्डियों की कमजोरी और जोड़ों के दर्द में सुधार दिखने लगता है।
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