आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लाइफस्टाइल से लेकर खानपान पूरी तरह बदल चुका है, जिसके चलते बीमारियां न सिर्फ बुजुर्गों को, बल्कि युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में ले रही हैं। पहले बढ़ती उम्र के साथ बहुत सी समस्याओं होती थी, जिन्हें बुढ़ापे में होने वाली आम समस्या माना जाता था, अब वह पच्चीस साल से कम की उम्र के लोगों में ही महसूस होने लगी हैं। लंबे समय तक ऑफिस में बैठे रहना, एक्सरसाइज के लिए समय न देना, गलत खानपान और लगातार तनाव, इन सबका सीधा असर हड्डियों और जोड़ों पर पड़ता है। जिसके चलते घुटनों में दर्द, कमर दर्द या हाथ-पैरों में दर्द जैसी समस्याएं अब युवाओं को भी होने लगी हैं।

दरअसल, बहुत से लोग कई बार हल्के-फुल्के दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं या फिर आराम के लिए दवाइयों का सहारा लेते हैं। दर्द से राहत पाने के लिए दवाइयां लेने से कुछ समय के लिए आराम तो मिल जाता है, लेकिन लंबे समय में प्राकृतिक उपाय ही कारगर होते हैं। हालांकि, दर्द से राहत पाने के लिए आयुर्वेद में कई कारगर नुस्खे हैं, जिनके उपयोग से बिना किसी दुष्प्रभाव के दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है। आयुर्वेदिक विशेषज्ञ श्वेता शाह ने जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए अरंडी के तेल में कुछ चीजों को मिलाकर लगाना असरदार बताया है।

अरंडी का तेल और दालचीनी

जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए ब्लड सर्कुलेशन का अच्छा होना बेहद जरूरी है। अरंडी का तेल और दालचीनी दो प्राकृतिक तत्व हैं, जो शरीर में गर्मी पैदा करके रक्त संचार यानी ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाते हैं। इससे जोड़ों में जमा सूजन कम हो जाती है और दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है। दालचीनी का इस्तेमाल हम हमेशा गरम मसालों में देखते हैं, लेकिन इसके औषधीय गुण शरीर के दर्द से राहत दिलाने में खास तौर पर मददगार होते हैं।

शहद

जोड़ों के दर्द के साथ-साथ गंभीर सूजन भी होती है। ऐसे में शहद एक प्राकृतिक मरहम का काम करता है। शहद में सूजन-रोधी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करते हैं और दर्द की तीव्रता को कम करते हैं। शहद का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही घाव भरने या शरीर को शांत करने के लिए किया जाता रहा है, और यह जोड़ों के दर्द में भी कारगर है।

कैसे बनाए पेस्ट

अगर आप दवाइयों पर निर्भर हुए बिना आसान घरेलू उपाय कर सकें, तो इससे बेहतर कुछ नहीं। जोड़ों के दर्द को कम करने के लिए एक खास लेप तैयार किया जा सकता है, जिसके लिए सिर्फ चार चीजों की जरूरत होती है। अरंडी का तेल, दालचीनी पाउडर, शहद और चूना आदि। इन सबको मिलाकर तैयार किया गया, इस बनाते समय इस बात का ध्यान रखें कि लेप न ज्यादा गाढ़ा हो और न ज्यादा पतला हो। रात को सोने से पहले इस लेप को दर्द वाले जोड़ों पर लगाएं और ऊपर से एक मुलायम कपड़ा रख दें, सुबह उठने पर आपको लगेगा कि दर्द कम हो गया है।

कब लगाएं लेप

शरीर सोते समय सबसे ज्यादा मरम्मत करता है। इसलिए यह लेप रात को सोते समय लगाने पर ज्यादा असरदार होता है। इस लेप को जोड़ों पर 8-10 घंटे तक लगा रहने देने से इसके गुण अंदर तक पहुंच जाते हैं। सुबह जब आप इसे हल्के गुनगुने पानी से धोते हैं, तो त्वचा भी तरोताजा महसूस करती है। इस उपाय को लगातार करते हैं, तो लंबे समय से चला आ रहा दर्द भी काफी हद तक कम हो सकता है।

वहीं, NCBI में प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, लिवर को हेल्दी रखने के लिए विटामिन ए और विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा शरीर में जरूर होनी चाहिए।